एक नई सोच......


आज जीवन का सच यह है कि चाहे बात घर-परिवार कि हो या कार्यस्थल की खुद की पहचान बनाना जरूरी है। यह पहचान आपको खुद कि अहमियत देती है, तभी दूसरे भी आपको आदर और सम्मान देते हैं। सुनने में थोड़ा अजीब है कि आखिर क्यों हमेशा एक औरत को अपने आप को साबित करना पड़ता है|

बात किसी आम महिला की हो या किसी ओहदे पर विराजमान किसी ताकतवर महिला की, उदारता उसके व्यक्तित्व का अहम हिस्सा होता है।शायद इसी उदारता का कई लोग फ़ायदा उठाते हैं जब कई बार उन्हें ज़िन्दगी में किसी एक का ही चुनाव करना पड़ता है, कई फैसले उनसे छीन लिए जाते है सवाल है कि आखिर ये बाउंड्रीज क्यों?

ये महिलाएं अग्रणी कंपनियों में हो सकती हैं, कोई घरेलू महिला या फिर कोई कलाकार भी हो सकती हैं।इन सबकी खासियत यही है कि वे अपने इसी गुण के साथ एक संतुलित और सुखी जीवन जीती हैं। किसी महिला में यह शक्ति उसके आत्म-विश्वास से आती है। वे अपने अंदर की शक्ति को पहचानती हैं हमें जरुरत है कि बिना किसी रोक टोक और किसी भी तरह कि बंदिशों के उन्हें आगे बढ़ने देना है जो एक विश्वास ले के आता है कि वह स्वतंत्र और जिम्मेदार हैं, उन्नति की राह पर चलने के लिए। 

किसी भी महिला के लिए एक पूर्ण और सशक्त महिला होने की दिशा में पहला कदम यही है कि वह आर्थिक रूप से स्वतंत्र और मजबूत हो। इसके लिए जरूरी है कि वे शिक्षित हो और आत्मनिर्भर हो, ताकि वे अपने जीवन को अपनी शर्तों पर जी सकें के और साथ ही अपने सपनों को पूरा कर सकें।

इसी सपने को पूरा करने में भारत सरकार ने कदम बढ़ाया है जो कि एक बड़ा कदम है नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) और नेवल अकादमी में लड़कियों की एंट्री का रास्ता साफ करने को लेकर केंद्र सरकार नीति और प्रक्रिया पर काम कर रही है। सरकार ने ये निर्णय कर लिया है कि महिला कैडेट्स को इन दोनों संस्थानों में दाखिला मिलेगा, और इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को अपनी सुनवाई की जो कि महिलाओं के हित के लिए जरुरी है। 


 

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