कोरोना के बाद एक और आफत. देश के कई राज्यों में वायरल फीवर के मामले तेजी से देखने को मिल रहे हैं।UP-बिहार और मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में डेंगू और वायरल फीवर के मामले आ रहे हैं। चिंता की बात यह है इस कतार में मरीजों से ज्यादा बच्चे हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में रोजाना सैकड़ों वायरल फीवर की शिकायतों के बाद अस्पताल आ रहे हैं।
ज्यादातर मरीजों में डेंगू और वायरल फीवर स्क्रब
टाइफस और लेप्टोस्पायरोसिस के मामले देखे जा रहे हैं। ये अलग-अलग तरह के फीवर हैं, जो बैक्टीरिया और वायरस की वजह से फैल रहे हैं।
ऐसे में हमें सतर्क रहने की जरुरत है, सही खान पान व साफ सफाई में बेहद ध्यान देने की और इससे भी ज्यादा ये जानना जरुरी है कि आखिर डेंगू है क्या, कैसे होता
है जिससे हम आसानी से इसकी पहचान कर सके.डेंगू क्या है?
डेंगू मच्छर से फैलने वाला वायरल इन्फेक्शन है। एडीज मच्छर के काटने
से डेंगू होता है। डेंगू होने पर तेज बुखार, सिरदर्द,
मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द, त्वचा पर
चकत्ते निकल आते हैं।
यह वो वायरस है जो 10 दिन से अधिक समय तक
जीवित नहीं रहता है। डेंगू से निपटने के लिए कोई खास इलाज उपलब्ध नहीं है। सिर्फ
इसके लक्षणों को पहचान कर ही आप इस पर काबू पा सकते हैं। आमतौर पर डेंगू का मच्छर
शाम के समय पैरों पर काटता है।
कैसे करें पहचान?
बुखार आने के साथ-साथ बदन में दर्द होने लगे और ब्लड में प्लेटलेट्स
की संख्या कम होने लगे तो ये डेंगू के लक्षण हैं। डेंगू में काफी तेज बदन दर्द
होता है।
इस रहस्यमयी बुखार ने UP में सबसे पहले बच्चों की मौत से सामना कराया जो कि फिरोजाबाद से आए थे। जांच के बाद पता चला ये भी वायरल फीवर ही था। इनमें से ज्यादातर केस डेंगू के थे। UP में वायरल फीवर के मामले कई शहरों में आ चुके हैं। इनमें डेंगू के साथ लेप्टोस्पायरोसिस और स्क्रब टाइफस के भी मामले हैं।लेप्टोस्पायरोसिस फीवर क्या है?
लेप्टोस्पायरोसिस बैक्टीरियल फीवर है, जो हमारे आसपास रह रहे जानवरों की वजह से फैलता है। यह बीमारी इंसानों के साथ-साथ जानवरों को भी संक्रमित करती है। साथ ही ये उन इलाकों में ज्यादा फैलता है जहां जल जमाव होता है। बरसात के मौसम में जगह-जगह पानी भर जाता है, इस वजह से बरसात में ये बीमारी ज्यादा फैलती है।
बीमारी की वजह लेप्टोस्पायरा नामक एक बैक्टीरिया होता है। आमतौर पर
यह फीवर चूहे, गिलहरी,
भैंस, घोड़े, भेड़,
बकरी, सुअर और कुत्ते द्वारा फैलता है।
कितना खतरनाक है लेप्टोस्पायरोसिस?
शरीर में प्रवेश करने के बाद ये धीरे-धीर
· किडनी
· लीवर
· हार्ट
को भी निशाना बनाता है। इलाज नहीं
होने पर लेप्टोस्पायरोसिस किडनी को भी डैमेज कर सकता है। मरीज का लीवर काम करना
बंद कर सकता है, सांस लेने में परेशानी होने लगती है। गंभीर
स्थिति में मरीज की मौत भी हो सकती है। इसका इलाज भी एंटीबायोटिक से ही किया जाता
है।
लेप्टोस्पायरोसिस की
पहचान कैसे करें?
पेशाब में जलन, पेट में दर्द, पीलिया के लक्षणों के साथ बुखार आना लेप्टोस्पायरोसिस के लक्षण हैं|
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