पंचतत्व में विलीन हुए ‘शिव’, मौत के पहले ऐसी थी उनकी दास्ताँ...

सिद्धार्थ शुक्ला नहीं रहे, सिद्धार्थ शुक्ला का निधन हो गया, सिद्धार्थ शुक्ला का अंतिम सफर, पंचतत्व में विलीन सिद्धार्थ शुक्ला.....ये वो शब्द से जिन्हें ना कोई सुनना चाहता था ना ही कोई लिखना. लेकिन आज ये शब्द सुनने भी पड़े और लिखने भी पड़े. सिद्धार्थ शुक्ला हमेशा के लिए अब उस दुनिया में चले गए जहां से वापस लौटना नामुमकिन है. वापसी तो छोड़िए पलट कर एक आवाज तक नहीं आती. आप ताकते रहते हैं उस अमिट आसमान को लेकिन ना वो चेहरा दिखता है और ना ही वो आवाज सुनाई देती है. सिद्धार्थ भी उसी दुनिया के चमकते सितारे बन चुके हैं. गुरुवार को सिद्धार्थ का निधन हुआ और शुक्रवार को वो पंचत्तव में विलीन हो गए. ओशिवारा शमशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. मां ने कांपते हाथों और नम आंखों से जब बेटे को मुखग्नि दी तो हर किसी का कलेजा फट गया.

सिद्धार्थ शुक्ला अब इस दुनिया में नहीं रहे। उनकी अचानक मौत से सभी स्तब्ध हैं। उनकी दोस्त शहनाज गिल बेसुध हो गई हैं। वो सिद्धार्थ के आखिरी वक्त में उनके साथ थीं। परिवार के सदस्यों के मुताबिक
, सिद्धार्थ ने शहनाज को बताया था कि उन्हें बैचेने हो रही है, जिसके बाद शहनाज ने उनकी मां को फोन किया। इसके बाद सिद्धार्थ के साथ क्या-क्या हुआ, जानिए। 

परिवार के सदस्यों के अनुसार, फ्लैट नंबर 1204 में शहनाज गिल, सिद्धार्थ शुक्ला के साथ मौजूद थीं। देर रात तकरीबन 3:00 से 3.30 बजे के बीच सिद्धार्थ शुक्ला ने शहनाज गिल को बताया कि उन्हें बेचैनी हो रही है। सीने में दर्द है और उलझन सी है, जिसके बाद शहनाज गिल ने सिद्धार्थ की मां को फोन किया। सिद्धार्थ की मां भी इसी इमारत की छठवीं मंजिल पर रहती हैं। सिद्धार्थ की मां शहनाज गिल के कॉल के बाद 1204 नंबर फ्लैट में आईं। उन्होंने सिद्धार्थ से बात की और और सिद्धार्थ को पानी देने के बाद उन्हें सोने के लिए कहा और कहा कि वो थोड़ा आंख बंद करके आराम करें।

इसके बाद सिद्धार्थ शुक्ला, शहनाज गिल के हथेलियों पर ही सिर रख कर सो गए। पुलिस को दिए गए बयान में शहनाज गिल ने बताया कि उन्हें वॉशरूम जाना था, लेकिन सिद्धार्थ की परेशानी को देखते हुए वह बिस्तर से नहीं हिलीं कि कहीं सिद्धार्थ जाग न जाएं और बेचैन ना हो जाएं।

लेकिन सुबह 5:30 बजे के करीब शहनाज ने महसूस किया सिद्धार्थ का बदन ठंडा पड़ता जा रहा है। शहनाज ने तुरंत सिद्धार्थ की मां को फोन किया और बताया कि सिद्धार्थ का शरीर ठंडा पड़ गया है। इस इमारत में सिद्धार्थ की बड़ी बहन प्रीति भी रहती हैं। सिद्धार्थ की मां ने प्रीति को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद पूरा परिवार फ्लैट नंबर 1204 में पहुंचा।

सिद्धार्थ का बदन ठंडा पड़ चुका था। परिवार ने सिद्धार्थ को बिस्तर से जमीन पर उतारा। उसकी सांसों को चेक किया और उसकी नाड़ी चेक की और फैमिली डॉक्टर को इसकी जानकारी दी। इसके बाद तुरंत ही सिद्धार्थ को लेकर उनके जीजा, बहन और करीबी लोग कूपर अस्पताल पहुंचे। जहां सिद्धार्थ को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। 

 


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