एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला की हार्ट अटैक से मौत हो गई। 40 साल की उम्र, फिट बॉडी, खुशहाल जिंदगी, इसके बावजूद अचानक हार्ट अटैक। जिसने भी यह बात सुनी, वो भरोसा नहीं कर पा रहा है। सिद्धार्थ की मौत के बाद सवाल फिर उठा कि फिट और कम उम्र के युवाओं की भी मौत हार्ट अटैक से क्यों हो रही है।
भारत में कम उम्र
में हार्ट अटैक बेहद कॉमन होते जा रहे हैं। आलम यह है कि दुनिया के मुकाबले
भारतीयों में हार्ट अटैक 8-10 साल पहले आ जाता है। हमने मेदांता हॉस्पिटल में
कार्डियोलॉजी विभाग के हेड डॉ. प्रवीण चंद्रा, बंसल हॉस्पिटल के सीनियर कार्डियक सर्जन डॉ. दिलीप सिंह
राठौर और जिंदल नेचरक्योर इंस्टीटयूट के सीनियर नेचुरोपैथ डॉ. श्रीकांत एच एस से
बात करके इस समस्या को समझने की कोशिश की है।
हार्ट अटैक क्या होता है?
हमारे हार्ट की ब्लड
सप्लाई तीन तरफ से होती है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से हार्ट की नसों में
ब्लॉकेज आना शुरू हो जाता है। 40% तक ब्लॉकेज ज्यादा प्रॉब्लम नहीं करता। जब ये
ब्लॉकेज 70% से ज्यादा बढ़ जाता है तो हार्ट का ब्लड फ्लो धीमा पड़ जाता है और
ब्लड की पंपिंग बंद हो जाती है। इसे ही हार्ट अटैक कहते हैं।
हार्ट अटैक की
समस्या प्रमुख रूप से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से होती है। कोलेस्ट्रॉल के लिए डाइबिटीज,
हाइपरटेंशन, मोटापा, ओवर ईटिंग, स्मोकिंग जैसे फैक्टर्स जिम्मेदार हैं। कई मामलों में ये
जेनेटिक भी होता है। इसके अलावा फेफड़ों में क्लॉटिंग की वजह से,
ब्रेन में ब्लीडिंग की वजह से,
ज्यादा मात्रा में ड्रग्स लेने से,
वायरल इंफेक्शन की वजह से या दिल में किसी बीमारी की वजह से
भी हार्ट अटैक आ सकता है।
युवाओं में हार्ट अटैक कितना कॉमन?
दिल की बीमारियों से
दुनिया भर में 1.7 करोड़ लोगों की मौत हर साल हो जाती है। भारत में करीब 30 लाख
लोग हर साल कार्डियो वस्कुलर बीमारियों का शिकार होते हैं। इसमें सबसे चौंकाने
वाली बात ये है कि देश में कुल हार्ट अटैक केसेस में 50% मामले 50 साल से कम उम्र
के लोगों के हैं और 25% लोग 40 साल से कम उम्र के हैं। 2000 से 2016 के बीच इस
युवा आयु वर्ग में हर साल हार्ट अटैक की दर में 2% की वृद्धि हुई है।
प्रीमैच्योर हार्ट
अटैक के लक्षण क्या हैं?
भारत में इस वक्त
दिल की बीमारियों और डाइबिटीज की महामारी चल रही है। युवा भी इसका शिकार हो रहे
हैं। कई मामलों में ये देखने को मिला है कि बिना किसी लक्षण के अचानक हार्ट अटैक
आता है और हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही मौत हो जाती है। हार्ट अटैक से पहले कई
मामलों में लक्षण दिखाई देते हैं। जैसे- सीने में दर्द,
भारीपन और जकड़न, एसिडिटी जैसा महसूस होना, बाएं कंधे या बाएं हाथ में दर्द महसूस होना,
सांस फूलना।
युवाओं में हार्ट अटैक के क्या फैक्टर्स हैं?
तंबाकू का उपयोग
हार्ट की बीमारी के होने के सबसे बड़े खतरे वाले फैक्टर्स में से एक है। 30 से 44
आयु वर्ग के लोगों में 26% हार्ट की बीमारी तंबाकू के उपयोग के कारण होती हैं। साथ
ही खराब नींद पैटर्न और तनाव से यह स्थिति और भयावह हो जाती है। भारत में 70
मिलियन से ज्यादा लोगों को डायबिटीज है। इसमें बहुत सारे युवा लोग भी शामिल है।
इससे हार्ट अटैक का खतरा भारतीय आबादी में बढ़ जाता है।
हार्ट अटैक से कैसे
बचें युवा?
लाइफ स्टाइल में
बदलाव से प्रीमैच्योर हार्ट अटैक का रिस्क काफी कम किया जा सकता है। वॉकिंग,
साइकिलिंग, जॉगिंग और स्विमिंग करने से हार्ट अटैक का खतरा 30% तक कम
हो जाता है। रोजाना कम से कम 10 हजार स्टेप्स पैदल चलना चाहिए।
जंक फूड की बजाय हेल्दी फूड खाना चाहिए, जिसमें सब्जी, फल, मेवे, सोया और लो फैट डेयरी प्रोडक्ट्स शामिल हों। फास्ट फूड, चिप्स, बिस्किट वगैरह में ट्रांसफैटी एसिड इस्तेमाल होता है, इसलिए इनसे बचना चाहिए।
तंबाकू और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। टाइम मैनेजमेंट सीखना चाहिए। आजकल लोग लैपटॉप और डेस्क पर ज्यादा वक्त बिताते हैं इसलिए योग और एक्सरसाइज दिल के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। इसके अलावा एहतियात बहुत जरूरी है। युवाओं को नियमित रूप अपने दिल की जांच करवानी चाहिए, जिससे समय रहते ब्लॉकेज का पता चल सके।
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