महाराष्ट्र के यवतमाल के फुलसावंगी के रहने वाले शेख इस्माइल उर्फ मुन्ना ने 2 साल की कड़ी मेहनत के बाद एक हेलिकॉप्टर तैयार किया था। उन्होंने इसे 'मुन्ना हेलीकॉप्टर' नाम दिया था। इसके पूरी तरह बनने के बाद शेख इस्माइल को कॉन्फिडेंस था कि हेलिकॉप्टर जरूर उड़ेगा। बुधवार को मुन्ना इसे पूरे गांव के सामने उड़ाने वाला थे, लेकिन इससे पहले मंगलवार रात 2.30 बजे टेस्टिंग के दौरान इसका एक पंखा टूटकर मुन्ना के सिर पर जा लगा। इससे मुन्ना की मौके पर ही मौत हो गई।
8वीं
पास मुन्ना की उम्र महज 24
साल थी और पेशे से मेकैनिक थे। वे दिन में एक गैरेज में वेल्डिंग का काम करते
थे और रात में अपना सपना पूरा करने यानी हेलिकॉप्टर बनाने में जुट जाते थे। मुन्ना
चाहते थे कि हर घर की पार्किंग में कार की जगह हेलीकॉप्टर खड़ा हो। उनके हुनर और
उनके परिवार के बारे में दुनिया जान पाती उससे पहले ही परिवार में मातम छा गया है।
पायलट बनने का सपना था
घरवालों ने बताया कि मुन्ना अलमारी और कूलर जैसी चीजें खुद
बनाते थे। वे पायलट बनना चाहते थे,
लेकिन घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते ये सपना पूरा नहीं हो सका।
इसलिए एक दिन अचानक उन्होंने हेलिकॉप्टर बनाने का फैसला किया और अपने सपने को पूरा
करने में जुट गए।
हेलिकॉप्टर को देखने बेंगलुरु से आने वाली थी एक टीम
मुन्ना के चाचा सिराजुद्दीन बताते हैं कि ज्यादा पढ़े-लिखे
न होने के बावजूद मुन्ना की सोच बहुत ऊंची थी। उनके हाथों में अनोखा हुनर था। पूरे
गांव में लोग उसे रैंचो कह कर बुलाते थे। उनके बनाए हुए हेलिकॉप्टर को देखने
बेंगलुरु से एक टीम आने वाली थी। यही वजह थी कि मुन्ना ने एक दिन पहले ट्रायल की
कोशिश की थी।
30 लाख
रुपए में 6 सीट
वाला हेलिकॉप्टर बनाने वाले थे
मुन्ना पिछले 2
साल से एक सीट वाला हेलीकॉप्टर बना रहे थे और उनका सपना 6 सीटर
हेलिकॉप्टर बनाने का था। वे इसकी कीमत सिर्फ 30 लाख रुपए रखना चाहते थे। लेकिन सपना टूटने के साथ ही मुन्ना
खुद भी दुनिया से चले गए।
यवतमाल के रेंचो की हुई मौत : पायलट बनने का था सपना पंखा
गिरने हुई मौत...
महाराष्ट्र के यवतमाल के फुलसावंगी के रहने वाले शेख
इस्माइल उर्फ मुन्ना ने 2 साल
की कड़ी मेहनत के बाद एक हेलिकॉप्टर तैयार किया था। उन्होंने इसे 'मुन्ना
हेलीकॉप्टर' नाम
दिया था। इसके पूरी तरह बनने के बाद शेख इस्माइल को कॉन्फिडेंस था कि हेलिकॉप्टर
जरूर उड़ेगा। बुधवार को मुन्ना इसे पूरे गांव के सामने उड़ाने वाला थे, लेकिन इससे
पहले मंगलवार रात 2.30 बजे
टेस्टिंग के दौरान इसका एक पंखा टूटकर मुन्ना के सिर पर जा लगा। इससे मुन्ना की
मौके पर ही मौत हो गई।
8वीं
पास मुन्ना की उम्र महज 24
साल थी और पेशे से मेकैनिक थे। वे दिन में एक गैरेज में वेल्डिंग का काम करते
थे और रात में अपना सपना पूरा करने यानी हेलिकॉप्टर बनाने में जुट जाते थे। मुन्ना
चाहते थे कि हर घर की पार्किंग में कार की जगह हेलीकॉप्टर खड़ा हो। उनके हुनर और
उनके परिवार के बारे में दुनिया जान पाती उससे पहले ही परिवार में मातम छा गया है।
पायलट बनने का सपना था
घरवालों ने बताया कि मुन्ना अलमारी और कूलर जैसी चीजें खुद
बनाते थे। वे पायलट बनना चाहते थे,
लेकिन घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते ये सपना पूरा नहीं हो सका।
इसलिए एक दिन अचानक उन्होंने हेलिकॉप्टर बनाने का फैसला किया और अपने सपने को पूरा
करने में जुट गए।
हेलिकॉप्टर को देखने बेंगलुरु से आने वाली थी एक टीम
मुन्ना के चाचा सिराजुद्दीन बताते हैं कि ज्यादा पढ़े-लिखे
न होने के बावजूद मुन्ना की सोच बहुत ऊंची थी। उनके हाथों में अनोखा हुनर था। पूरे
गांव में लोग उसे रैंचो कह कर बुलाते थे। उनके बनाए हुए हेलिकॉप्टर को देखने
बेंगलुरु से एक टीम आने वाली थी। यही वजह थी कि मुन्ना ने एक दिन पहले ट्रायल की
कोशिश की थी।
30 लाख
रुपए में 6 सीट
वाला हेलिकॉप्टर बनाने वाले थे
मुन्ना पिछले 2
साल से एक सीट वाला हेलीकॉप्टर बना रहे थे और उनका सपना 6 सीटर
हेलिकॉप्टर बनाने का था। वे इसकी कीमत सिर्फ 30 लाख रुपए रखना चाहते थे। लेकिन सपना टूटने के साथ ही मुन्ना
खुद भी दुनिया से चले गए।
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