2 साल
पहले यूट्यूब पर जारी वीडियो में उमर गौतम खुद बता रहा है कि वह 6 भाई हैं, और वह चौथे
नंबर पर खुद है। राजपूत परिवार में पैदा हुआ मोहम्मद उमर गौतम वीडियो में बता रहा
है कि उसका पूरा परिवार यूपी के फतेहपुर जिले में रहता है, जो आज भी
हिंदू है।
पढ़िए मोहम्मद उमर गौतम की पूरी कहानी....
वीडियो में मोहम्मद उमर गौतम बता रहा है कि 'मैं मूल रूप
से फतेहपुर जिले का हूं,
जो कि कानपुर-इलाहाबाद के पास है। मैं 1964
में वहीं पैदा हुआ था। 1984
में 20 साल
की उम्र में मुस्लिम धर्म अपनाया। मेरा पहले का नाम श्याम प्रकाश सिंह गौतम था।
मेरे बड़े भाई उदय राज सिंह गौतम,
उदय प्रताप सिंह गौतम,
उदय नाथ सिंह गौतम है। हम 6
भाई हैं। मेरे से दो छोटे श्रीनाथ सिंह गौतम, ध्रुव सिंह गौतम हैं। मेरा घर का नाम प्रधान था।
मोहम्मद उमर गौतम ने वीडियो में कहा कि मुझे विश्वास नहीं
था कि जिंदगी में मैं अपना नाम खुद बदलूंगा और नया रखूंगा, क्योंकि मैं
तो शुरू में इस्लाम को जानता नहीं था। बचपन से जो समाज में देखा तो हिंदुओं में
जातीय भेदभाव देखा। मैं पहले ठाकुर बिरादरी का था। मुझे बताया जाता था कि आप बहुत
ऊंची बिरादरी के हैं,
यह मुझे बार-बार बताया जाता था। जातीय भेदभाव को जब मैं देखता तो बहुत आहत
होता था।
मैं और नासिर हर मंगलवार को मंदिर जाते थे। डेढ़ से 2 साल तक यह
सिलसिला चलता रहा, उसके
बाद मैंने कुरान भी पढ़ी। 1984 में
एमएससी की पढ़ाई करते समय ही मैंने हिंदू धर्म से मुस्लिम धर्म अपना लिया। कॉलेज
और हॉस्टल मैंने अपने धर्म बदलने की बात सबको बता दी। इसके बाद दिल्ली के जामिया
मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से इस्लामिक स्टडीज में एमए किया।'
दिल्ली में इस्लामिक दावा सेंटर भी चलाता था गौतम उमर
उमर गौतम ने दिल्ली में इस्लामिक दावा सेंटर बनाया, जहां वह खुद
की कहानी बताकर हिंदू युवाओं को मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए मोटिवेट करता था। उसने
अपना एक और ठिकाना बाटला हाउस इलाके में न्यू मस्जिद के पास बनाया। उमर ने पुलिस
की पूछताछ में बताया कि उसने 1
साल में 350 से
ज्यादा लोगों का धर्मांतरण कराया है। इनमें नोएडा के मूकबधिर स्कूल के 18 बच्चे शामिल
हैं। इसके अलावा उसने कानपुर,
इलाहाबाद और दिल्ली-एनसीआर के करीब एक दर्जन से ज्यादा परिवारों को हिंदू से
इस्लाम धर्म में कन्वर्ट करवाया है।
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