Say No To Tobacco Day: आज का दिन ही क्यों है सबसे बेहतर...

Say No To Tobacco: आज का दिन ही क्यों है सबसे बेहतर...

विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2021 हेल्थ पर तंबाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए 31 मई को मनाया जाने वाला एक वार्षिक कार्यक्रम है. ये अभियान लोगों से COVID-19 महामारी के समय में एक हेल्दी लाइफस्टाइल की भी गुहार लगाता है. 1988 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन की वर्ल्ड हेल्थ असेंबली ने एक प्रस्ताव WHA42.19 पारित किया, जिसमें विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने का आह्वान किया गया था. तंबाकू का सेवन जानलेवा हो सकता है। ये जानते हुए भी दुनियाभर में बड़ी संख्या में लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू (बीड़ी, सिगरेट, गुटखा आदि) का सेवन कर रहे हैं और ऐसे में उनपर कई जानलेवा बीमारियों का खतरा मंडराने लगता है। इसीलिए लोगों को तंबाकू के सेवन से रोकने और उससे होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 31 मई को दुनियाभर में विश्व तंबाकू निषेध दिवस यानी वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाया जाता है। आइए जानते हैं कि इस दिन को मनाने की शुरुआत कब और कैसे हुई थी और इस साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम क्या है

कब हुई थी विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने की शुरुआत

दरअसल, तंबाकू के सेवन से होने वाली मौतों की संख्या में लगातार और तेजी से होती बढ़ोतरी को देखते हुए विश्व स्वास्थ संगठन यानी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने साल 1987 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने की शुरुआत की थी। हालांकि पहली बार सात अप्रैल 1988 को यह दिवस मनाया गया था, लेकिन उसके बाद 31 मई 1988 को एक प्रस्ताव पास हुआ और उसके बाद से हर साल 31 मई को यह दिवस मनाया जाने लगा। 

इस साल की थीम क्या है

विश्व तंबाकू निषेध दिवस के लिए हर साल एक थीम तैयार किया जाता है और उसी हिसाब से कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस साल यानी साल 2021 का थीम है 'कमिट टू क्वीट' (Commit to Quit) यानी 'छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध' 

तंबाकू के सेवन से कौन-कौन सी बीमारियों का खतरा रहता है

विशेषज्ञ बताते हैं कि तंबाकू के सेवन से कई गंभीर और जानलेवा बीमारियों के होने का खतरा रहता है। इसमें फेफड़े का कैंसर, लिवर कैंसर, मुंह का कैंसर, कोलन कैंसर, गर्भाशय का कैंसर, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और हृदय रोग जैसी बीमारियां शामिल हैं। 

धूम्रपान करने वालों में कोरोना से मौत का खतरा अधिक

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह चेतावनी दी है कि धूम्रपान करके और अपने फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों को कोरोना से मौत का खतरा 50 फीसदी अधिक होता है। इसलिए कोरोना संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए धूम्रपान जैसे तंबाकू उत्पादों का सेवन न करने में ही भलाई है। 

बेंगलुरु के एस्टर सीएमआई अस्पताल में मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट यानी कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. आदित्य मुरली बताते हैं कि हाल में हुई स्टडीज से पता चलता है कि धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों में कोरोना के साथ गंभीर बीमारी होने की आशंका काफी ज्यादा होती है। कोरोना वायरस खास तौर पर फेफड़ों पर हमला करता है और धूम्रपान फेफड़ों को कमजोर करता है।

तो आइए जानते हैं कि आज का दिन तंबाकू छोड़ने के लिए क्यों सबसे बेहतर है...

 
















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