एक ऐसा इन्सान जो बौने से हो गया विशालकाय

एक ऐसा इन्सान जो बौने से हो गया विशालकाय

Adam Rainer Story: यूं तो दुनियाभर में कई तरह की बीमारियां मौजूद हैं, जिनके इलाज भी इजाद कर लिए गए हैं. लेकिन कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं, जो हर किसी को हैरान कर देती हैं. ऐसी ही एक कहानी एडम रेनर नामक उस शख्स की है, जो पैदा तो बौन हुआ था लेकिन अपनी मौत से पहले तक विशालकाय बन गया. बिजनेस इन्साइडर की एक रिपोर्ट में डॉक्टर लिंडसे फित्जहैरिस ने इस केस की पूरी जानकारी दी है. ऐसा कहा जाता है कि ये अपनी तरह का ऐसा पहला केस था यानी इससे पहले ना तो कभी ऐसा केस मिला और ना ही इसके बाद मिला.

ये केस चिकित्सा के इतिहास में शामिल है. जब एडम रेनर नामक व्यक्ति का जन्म हुआ, तो वह बैने थे. उनका जन्म ऑस्ट्रिया के ग्राज में 1899 में हुआ था और माता-पिता की लंबाई औसत थी. जब पहला विश्व युद्ध शुरू हुआ तो रेनर ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की लेकिन तब उनकी लंबाई मात्र 4’6.3′ इंच थी. जिसके कारण वह भर्ती नहीं हो सके. एक साल बाद फिर रेनर ने कोशिश की और तब तक उनकी लंबाई 2 इंच तक बढ़ गई थी, लेकिन दोबारा उन्हें अपनी लंबाई के कारण सेना में भर्ती करने से इनकार कर दिया गया.

21 साल की उम्र के बाद सब बदल गया

19 साल की उम्र तक रेनर की लंबाई 4’8.3′ हो गई लेकिन उन्हें बौना शख्स ही माना जाता रहा. बेशक एडम रेनर का कद छोटा था लेकिन उस समय की मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया है कि रेनर की लंबाई की तुलना में उनका हाथों और पैरों का आकार असामान्य रूप से बढ़ रहा था. सेना में भर्ती होने की कोशिश के दौरान रेनर ने US 10 (EU 43) आकार के जूते पहने थे. तीन साल बाद उनके पैरों का आकार दोगुना हो गया जबकि लंबाई स्थिर ही रही. लेकिन जब रेनर की उम्र 21 साल हुई, तब सबकुछ बदल गया. अचानक से उनकी लंबाई में इजाफा होने लगा, अगले एक दशक तक रेनर की लंबाई 4’10’ इंच से बढ़कर 7’1′ इच हो गई. लेकिन रीढ़ ही हड्डी में दिक्कत आने लगी.

इस बीमारी से ग्रसित थे रेनर

अचानक लंबाई में हुई इस बढ़ोतरी के पीछे का कारण क्या था? साल 1930 और 1931 के बीच डॉक्टर ए. मैडल और एफ. विंडोल्ज ने रेनर का इलाज किया था. तब उन्हें पता चला कि वह एक्रोमेगली नामक बीमारी से ग्रसित हैं. जिसके कारण रेनर के पिट्यूटरी ग्लैंड में ट्यूमर हो गया था और ग्रोथ हार्मोंस की संख्या जरूरत से ज्यादा हो गई. इसी वजह से ना केवल उनके हाथों और पैरों का आकार असामान्य रूप से बढ़ने लगा बल्कि माथे और जबड़े का आकार भी बड़ा हो गया.

कैसे हुई एडम रेनर की मौत?

डॉक्टरों ने रेनर का ऑपरेशन किया लेकिन लंबाई सामान्य ही रही, उसमें इजाफा नहीं हुआ.  हालांकि ट्यूमर बढ़ता रहा. बाद में रेनर की सेहत बिगड़ती चली गई, उनकी दाईं आंख ने काम करना बंद कर दिया, बाल झड़ने लगे, सुनाई देना बंद हो गया और रीढ़ की हड्डी में परेशानी के कारण उन्होंने बिस्तर तक पकड़ लिया. जब एडम रेनर की मौत हुई, तब उनकी उम्र 51 साल और लंबाई 7’8′ इंच थी . जबकि कुछ अखबारों ने उनकी लंबाई 7’10’ इंच बताई थी. वह इतिहास के ऐसे पहले शख्स थे, जो अपने जीवनकाल में बौने भी थे और विशालकाय भी.

 (हर दिल में होते हैं ज़ज्बात, हर मन में हिचकोले लेते हैं ख्यालात कीजिये बयाँ अपने अहसासों को....

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