केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर पर केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। दरअसल मिडिल ईस्ट के सबसे महत्वपूर्ण शहरों में शुमार दुबई, जम्मू और कश्मीर में निवेश करने जा रहा है।
केंद्र सरकार ने सोमवार को बताया कि दुबई केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के क्षेत्र में निवेश करने जा रहा है। दुबई UAE की आर्थिक राजधानी है और उसका स्थान UAE में वैसा ही है जैसा कि भारत में मुंबई का या फिर अमेरिका में न्यू यॉर्क का दुबई दुनिया के सबसे विकसित और मशहूर शहरों में से एक है और UAE पश्चिम एशिया में सऊदी अरब के साथ सबसे महत्वपूर्ण देश है।
बता दें कि दुबई की ओर जम्मू-कश्मीर प्रशासन के साथ यह समझौता इस क्षेत्र में (केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद) किसी विदेशी सरकार की ओर से पहला निवेश समझौता है। हालांकि अभी इस बात की जानकारी नहीं है कि दुबई जम्मू और कश्मीर में कितनी राशि निवेश करने जा रहा है। सरकार ने कहा कि दुबई से समझौते में औद्योगिक पार्क,आईटी टावर, बहुउद्देश्यीय टावर,रसद केंद्र,एक मेडिकल कॉलेज और एक स्पेशलिटी हॉस्पिटल सहित बुनियादी ढांचे का निर्माण होना तय हुआ है।
समझौते को लेकर उपराज्यपाल मनोज सिंहा ने मीडिया से बात करते हुए कहा,आज केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की विकास यात्रा के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। जम्मू-कश्मीर के अभूतपूर्व विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का हार्दिक आभार। यह समझौता आत्मानिर्भर जम्मू-कश्मीर बनाने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
अब तक पाकिस्तान जम्मू और कश्मीर के आतंकवाद को बढ़ावा देने को इस्लाम से जोड़ता आया है। पर अब ज्यादातर देशों को यह समझ में आ गया है कि आतंकवाद और इस्लाम का आपस में कुछ लेना देना नहीं है। पाकिस्तान के नेता जम्मू और कश्मीर के नाम पर दुनिया भर से पैसे लेते रहे। जिसका इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने में किया गया। इस आतंकवाद की चपेट में पश्चिम एशिया भी आने लगा था। पर अब स्थिति बदलने लगी है।
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