क्या आपने कभी सोचा
है कि अगर किसी बच्चे का जन्म आसमान में उड़ते विमान में हो जाए,तो इस केस में उस बच्चे का जन्मस्थान और उसकी नागरिकता क्या
होगी?
वैसे भारत में किसी
भी महिला जो 7
महीने या उससे अधिक समय से प्रेग्नेंट है उसे हवाई यात्रा करने की अनुमति नहीं है,लेकिन कुछ स्पेशल मामलों में इसकी अनुमति दे दी जाती है।
जिन मामलों में
अनुमति दी जाती है उनमें अगर उड़ते विमान में किसी बच्चे का जन्म होता है तो बच्चे
के जन्म के वक़्त विमान जिस देश की सीमा के ऊपर उड़ रहा है। लैंडिंग के बाद उस देश
की एयरपोर्ट अथॉरिटी से बच्चे के जन्म प्रमाण संबंधी दस्तावेज़ लिए जा सकते हैं। इस
दौरान बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र में उसी देश का नाम लिखा जाएगा जिस देश की सीमा
में बच्चा पैदा हुआ है। हालांकि, बच्चे के पास ये अधिकार भी होता है कि उसे अपने माता-पिता
के देश की नागरिकता भी मिल सके।
उदाहरण के तौर पर अगर पाकिस्तान से अमेरिका जा रहा कोई विमान भारतीय सीमा के ऊपर से गुज़र रहा है। इस दौरान विमान में किसी बच्चे का जन्म हो जाता है,तो ऐसे मामलों में बच्चे का जन्म स्थान भारत माना जायेगा और उस बच्चे को अपने माता पिता के देश की नागरिकता के साथ-साथ भारत की नागरिकता भी मिल सकती है। हालांकि, भारत में दोहरी नागरिकता का प्रावधान नहीं है।
कुछ साल पहले अमेरिका में इसी तरह का मामला सामने आया था। नीदरलैंड की राजधानी एम्स्टर्डम से एक विमान ने अमेरिका के लिए उड़ान भरी थी। विमान जब अटलांटिक महासागर क्षेत्र में पहुंचा,तो एक महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी और उसने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। हालांकि,बाद में मां और बच्चे को अमेरिका के मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल ले जाया गया। बच्ची का जन्म अमेरिकी सीमा में हुआ था, इसलिए उसे अमेरिका और नीदरलैंड दोनों देशों की नागरिकता मिली थी।
एक बात और विमान में
पैदा होने वाले बच्चों की नागरिकता को लेकर हर देश के अपने अलग-अलग नियम हैं। वहीं
कई देशों में तो इस तरह का कोई प्रावधान ही नहीं है।
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