ऐसा ही मामला हाल में बिलासपुर (छत्तीसगढ़) में सामने आया
है। यहां NTPC के अपर प्रबंधक से 5.85 लाख रुपए की ठगी की गई। ठगों ने उन्हें KYC अपडेट
करने के लिए मोबाइल क्विक सपोर्ट ऐप की डाउनलोड लिंक का मैसेज किया और उन्हें 10
रुपए ट्रांसफर करने को कहा। जैसे ही उन्होंने ऐप इन्स्टॉल करके प्रोसेस को पूरा
किया, उनके खाते से छह बार में 5.85 लाख रुपए निकल गए।
आइए समझते हैं कि आप ऐसे साइबर अटैक से कैसे बच सकते हैं...
फोन पर साइबर अटैक हो तो सबसे पहले क्या करें?
भारत सरकार में साइबर सलाहकार डॉ. निशाकांत ओझा ने बताया कि
फोन पर आने वाले SMS
में हैकर्स एक लिंक भी देते हैं, जो
वास्तव में एक मैलवेयर होता है। जैसे ही यूजर ऐसे लिंक पर क्लिक करता है तो
मैलवेयर एक्टिवेट होकर आपके सिस्टम का एक्सेस हैकर को दे देता है। कभी इस तरह की
स्थिति बन जाए तो सिस्टम को शटडाउन कर देना चाहिए। इससे कनेक्टिविटी ब्रेक हो
जाएगी, लेकिन नुकसान नहीं पहुंचेगा,
इस बात की गारंटी नहीं है। यदि किसी नौसिखिया के साथ ऐसा
होता है, तब उसे सबसे पहले अपने फोन को बंद करके सिम निकाल देना चाहिए। फिर कम से कम 10
सेकेंड के बाद उसे फिर से ऑन करना चाहिए।
वैसे इस तरह के कई मामले पहले भी सामने आए हैं जब KYC या
फिशिंग कॉल के नाम पर लोगों को ठगी का शिकार बनाया गया। इस तरह की ठगी से बचने के
लिए आपको कौन सी बातें ध्यान में रखनी चाहिए,
हम यहां बता रहे हैं।
SMS
से हो रहे फ्रॉड से बचने के तरीके
इन दिनों कई यूजर्स को पर्सनल लोन, KYC, बैंक ऑफर, गिफ्ट वाउचर या दूसरे लालच वाले SMS
आते रहते हैं। इन मैसेज में एक लिंक दिया जाता है। मैसेज
में कहा जाता है कि इस लिंक से ऑफर का फायदा उठाएं या KYC को
पूरा करें। जैसे ही यूजर इस पर क्लिक करता है, उसके फोन में कोई ऐप या
वायरस इन्स्टॉल हो जाता है। ये आपके फोन के डेटा और बैंक से जुड़ी डिटेल आसानी से
चुरा सकते हैं। इतना ही नहीं,
इसी तरह से लोगों के बैंक अकाउंट तक खाली कर लेते हैं। गूगल
ने इस तरह के सैकड़ों फर्जी ऐप को भी प्ले स्टोर पर बैन कर दिया था।
'फिशिंग' का मतलब होता है लालच देकर फ्रॉड करना। आजकल मैसेज, कॉल और
मेल के जरिए तमाम तरह के ऑफर दिए जा रहे हैं। आईफोन समेत तमाम ब्रांडेड फोन, लैपटॉप
और इलेक्ट्रॉनिक एसेसरीज मामूली दामों पर ऑफर किए जा रहे हैं। फर्जी बैंकर बनकर
कैशबैक और क्रेडिट कार्ड ऑफर करना भी फ्रॉड की दुनिया में काफी चलन में है। इसी तरह
के लालच देकर कस्टमर से उसकी प्राइवेट डिटेल ली जा रही है और बाद में उसके अकाउंट
को खाली कर दिया जा रहा है।
साइबर क्राइम की दुनिया में एक नया तरीका ट्रेंड में है।
इसमें आपके क्लोज फ्रेंड के नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाकर फेसबुक या इंस्टाग्राम पर
नई रिक्वेस्ट भेजी जाती है। फिर मैसेज भेजकर इमरजेंसी के नाम पर पैसा मांगा जाता
है। फर्जी प्रोफाइल में फोटो से लेकर इन्फो तक सबकुछ हूबहू डाली जा रही है, जिससे
लोगों को जरा भी शक नहीं होता,
लेकिन कुछ बातों को ध्यान में रखकर आप यह पता कर सकते हैं
कि जिस प्रोफाइल से पैसा मांगा जा रहा है,
वह फर्जी है या नहीं।
आजकल हर प्रोडक्ट और सर्विस के लिए कस्टमर सपोर्ट उपलब्ध
है। ऐसे में कोई दिक्कत होने पर लोग तत्काल कस्टमर सपोर्ट का नंबर खोजने लगते हैं।
साइबर अपराधियों ने पहले से ही इंटरनेट पर कस्टमर सपोर्ट के नाम पर खुद का नंबर
डाल रखा है। लोग उसे ही कस्टमर सपोर्ट नंबर समझ कर कॉल कर देते हैं।
बाद में फर्जी कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव के तौर पर अपराधी
उनसे उनकी पर्सनल डिटेल लेकर फ्रॉड को अंजाम देते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डिजिटल
पेमेंट एप्लिकेशन जैसे- गूगल पे,
फोन पे,
पेटीएम के सबसे ज्यादा फर्जी कस्टमर सपोर्ट नंबर इंटरनेट पर
डाले गए हैं, जिससे कस्टमर खुद साइबर अपराधियों तक पहुंच रहे हैं।
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