कुछ ऐसे शुरू हुई कहानी : चौबेपुर थाने में राहुल तिवारी द्वारा एक जुलाई को दर्ज कराई गई अपहरण व मारपीट की रिपोर्ट में दबिश डालने के लिए चौबेपुर, शिवराजपुर व बिठूर की पुलिस बिकरू में विकास दुबे के घर दबिश डालने गई थी। यहां पर विकास दुबे व उसके साथियों ने जेसीबी से रास्ता बंद करके पुलिस टीम पर हमला कर दिया था।
खूब उछला जय बाजपेयी का नाम
इस प्रकरण में विकास दुबे का खजांची जय बाजपेयी का नाम भी खूब उछला। जय बाजपेयी द्वारा विकास दुबे की काली कमाई शहर में खपाने के आरोपों पर प्रवर्तन निदेशालय व आयकर विभाग विकास दुबे, जय बाजपेयी समेत इनसे जुड़े तमाम लोगों की संपत्तियों की जांच कर रहा है। जय और उसके तीन भाइयों पर पुलिस ने गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की है। पुलिस गैंगस्टर के तहत जय व उसके भाईयों की करोड़ों की संपत्ति सीज कर चुकी है। एसएसपी अनंत देव भी इसी मामले में निलंबित चल रहे हैं।
बात एक साल पहले की है। 29 जून को अमर दुबे की नाबालिग संग शादी हुई थी। 30 जून को शादी की दावत थी। इसमें शातिर अपराधी और विकास के गुर्गों के अलावा पुलिस वाले भी शामिल थे।अमर दुबे हमेशा बंदूक लिए विकास के साथ साए की तरह रहता था। वह कानपुर शहर के कई शादी समारोहों में बॉडीगार्ड की तरह देखा गया था। विकास के हर गलत काम में बराबर का सहभागी था।
देख लेंगे
जमीनी मामला
30 जून को दावत पूरे दिन चली। लोगों का आना-जाना लगा हुआ था। देर रात विकास दुबे के गुर्गे बाल गोविंद ने अपने और राहुल के बीच जमीन के विवाद के बारे में चर्चा की। कहा था कि वह जमीन किसी सूरत में हाथ से नहीं जानी चाहिए। विकास दुबे ने कहा था कि देख लेंगे जमीन कहां जा रही है। विकास ने तभी राहुल को गांव बुलाने का आदेश भी दिया था।
दो जुलाई को
देशभर
को
दहला
देने
वाले
वाले
बिकरू
कांड
का
एक
साल
पूरा
हो
जाएगा।
आज
भी
वो
दिन
लोगों
के
जेहन
में
जब
एक
मुकदमे
में
वांछित
गैंगस्टर
विकास
दुबे
को
पकडऩे
के
लिए
लाव
लश्कर
के
साथ
गांव
बिकरू
में
पहुंची
पुलिस
पर
हमला
हुआ
था।
ताबड़तोड़
सैंकड़ों
राउंड
गोलियों
से
आसमान
दहल
उठा।
जब
गोलियों
की
आवाज
थमीं
तो
बिकरू
की
गलियां
पुलिस
वालों
की
खून
से
सनी
थीं।
तत्कालीन
सीओ
बिल्हौर
समेत
आठ
पुलिसकर्मी
मारे
गए
थे, सात
अन्य
घायल
हो
गए
थे।
पुलिस
की
जवाबी
कार्रवाई
में
विकास
दुबे
समेत
छह
आरोपितों
को
एनकाउंटर
में
ढेर
कर
दिया
गया
था।
पुलिस मुठभेड़
में मारे
गए अभियुक्त
1- विकास दुबे
2- राजाराम उर्फ
प्रेमकुमार
उर्फ
प्रेमप्रकाश
3- अमर दुबे
4- प्रभात मिश्रा
5- प्रवीन शुक्ल
उर्फ
बउवन
6-अतुल दुबे
इसके बाद पुलिस
ने
विकास
दुबे
के
भतीजे
अमर
दुबे
की
पत्नी
ख़ुशी
दुबे
को
गिरफ्तार
कर
लिया
था
साथ
ही
पुलिस
की
तरफ
से
दिए
गए
प्रार्थना
पत्र
में
बताया
गया
कि
ख़ुशी
दुबे
को
जिन
धाराओं
में
जेल
भेजा
गया
था
उसमें
कुछ
संशोधन
किया
गया
है।
विवेचना
के
दौरान
वह
और
अपराधों
में
भी
दोषी
पाई
गई
है
लिहाजा
धाराएं
बढ़ाई
गई
हैं।
इससे
पहले
अमर
की
पत्नी
को
बलवा, हत्या
का
प्रयास, हत्या, डकैती, षड्यंत्र
रचना, चोरी
की
गई
सम्पत्ति
को
बेईमानी
से
प्राप्त
करना
और
7 सीएलए
में
जेल
भेजा
गया
था।
अब किन धाराओं में चल रहा मुकदमा
धारा 147, 148, 149 (बलवा), 504 (धमकी
देना), 506 (जान से मारने
की
धमकी
देना), 353 (लोक सेवक पर
सरकारी
कार्य
करते
समय
हमला
करना), 332 (लोकसेवक को जानबूझकर
गम्भीर
चोट
पहुंचाना), 333(लोक सेवक को
घोर
क्षति
पहुंचाना), 307 (जान से मारने
का
प्रयास), 302 (हत्या), 412 (चोरी
की
गई
संपत्ति
को
बेईमानी
से
पाना), दफा
34(एक
या
उससे
अधिक
लोगों
का
आपराधिक
घटना
कारित
करना), 7 सीएलए, 3/4 विस्फोटक
अधिनियम
में
मुकदमा
चलेगा।पुलिस
ने
डकैती
की
धारा
395 हटा
दी
है।
उसकी
जगह
धारा
396 जोड़ी
है
जिसके
अनुसार
डकैती
के
दौरान
हत्या
कर
देना
होता
है।
ख़ुशी दुबे
के
केस
की
आज
सुनवाई
होनी
है.
विकास दुबे एनकाउंटर के बाद ग्राम पंचायत चुनाव पर भी पड़ा असर...
पिछले 15 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है कि बिकरू गाँव के लोगों में अपना मुखिया विकास दुबे के परिवार को छोड़कर किसी अन्य को अपना मुखिया बनाया हैं जिसके लिए प्रत्याशी के रूप में सामने आई थीं मधु. जिन्होंने प्रतिद्वंद्वी बिंदु कुमार को 54 मतों से हराया। मधु को 381 वोट मिले, जबकि कुमार को 327 वोट मिले.
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