मेरठ में सेंट थॉमस स्कूल के शिक्षक के घर पर गमों का पहाड़
टूट पड़ा है। उनके दोनों जुड़वां बेटों की कोरोना संक्रमित होने के बाद मौत हो गई।
दोनों ही बेटों की मौत होने पर परिवार में कोहराम मच गया। वहीं मां का रो-रोकर
बुरा हाल है। बताया गया कि दोनों इंजीनियर भाइयों ने कोरोना की चपेट में आने के
बाद करीब 20 घंटे तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष किया। लेकिन दुख की बात यह है कि
दोनों ने ही दम तोड़ दिया। दोनों भाई साथ ही जन्मे, फिर साथ पढ़े और ज्यादातर समय में एक
साथ ही रहे। परिजनों के अनुसार दोनों भाई एक साथ ही इंजीनियर बने थे।
पढ़ें पूरा मामला..
दोनों जुड़वां भाइयों ने कोरोना को तो हरा दिया था, मगर जिंदगी से हार गए। साथ आए और साथ
ही इस दुनिया से विदा हो गए। 23 अप्रैल को ही उन्होंने अपना 24वां जन्मदिन मनाया
था, लेकिन किसे मालूम था ये आखिरी जश्न
होगा। मेरठ छावनी में रहने वाले ग्रेगरी रेमंड राफेल के दोनों बेटे इंजीनियर थे, नाम था जोफ्रेड वर्गीज ग्रेगरी और
राल्फ्रेड जॉर्ज ग्रेगरी। जन्मदिन के अगले दिन ही वो कोरोना का शिकार हो गए और अब
13 और 14 मई को दोनों भाइयों ने दम तोड़
दिया। दोनों ही होनहार थे और कंप्यूटर इंजीनियर थे।
पिता ने बताया कि वह और उनकी पत्नी सेंट थॉमस स्कूल में
पढ़ाते हैं। उनके दोनों बेटों ने बी-टेक की पढ़ाई की थी, जिसके बाद अच्छी कंपनियों में दोनों
की नौकरी लग गई। दोनों बेटों के जन्म में सिर्फ तीन मिनट का अंतर था, जिनमें राल्फ्रेड छोटा भाई था, लेकिन अब कोरोना महामारी ने दोनों
जुड़वा भाइयों को परिवार से छीन लिया है।
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