UP में न एंबुलेंस, न बेड, न जांच:राज्य के कानून मंत्री ने कहा- हालात नहीं सुधरे तो लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है

 कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। मंगलवार को योगी सरकार के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने हेल्थ डिपार्टमेंट के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी और प्रिंसिपल सेक्रेटरी को पत्र लिखा। इसमें कहा गया कि लखनऊ के स्थिति बहुत चिंताजनक है। अस्पतालों में बेड नहीं हैं, न तो मरीजों को समय पर एंबुलेंस मिल रही है और न ही उनका इलाज हो पा रहा है।




कानून मंत्री ने कहा कि पद्मश्री डॉक्टर योगेश प्रवीण को एंबुलेंस दिलाने के लिए फोन किया, लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। कोरोना के मौजूदा हालात को अंगर कंट्रोल नहीं किया गया तो हमें लखनऊ में लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है।

कानून मंत्री की चिट्ठी सामने आने के बाद विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कैबिनेट मंत्री की चिट्ठी सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि जिस मुख्यमंत्री से लखनऊ नहीं संभल रहा है उससे UP क्या संभलेगा? कहा कि लखनऊ के हालात बेहद खौफनाक और चिंताजनक हैं। UP सरकार के कानून मंत्री की यह चिट्ठी स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल बयां कर रही है।

कानून मंत्री चिट्ठी में और क्या लिखा?

  • 4 से 7 दिन में मिल रही रिपोर्ट: कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक ने लिखा है कि, चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO) के ऑफिस में फोन करने पर उत्तर नहीं दिया जा रहा है। जिसकी शिकायत सीनियर ऑफिसर्स से की गई है। कोरोनावायरस की रिपोर्ट 4 से 7 दिन में आ रही है।
  • झूठा निकला एडीशनल चीफ सेक्रेटरी का दावा: मंत्री ने कहा कि लखनऊ में बिगड़ी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर 8 अप्रैल को मैं खुद CMO के ऑफिस जा रहा था, लेकिन हेल्थ डिपार्टमेंट के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने फोन पर आश्वासन दिया तो मैं नहीं गया। उसके बाद भी परिस्थितियों में कोई सुधार नहीं हुआ है।
  • साहित्यकार योगेश प्रवीण के मौत का जिक्र: मंत्री पाठक ने लिखा कि मेरी विधानसभा क्षेत्र के पद्मश्री साहित्यकार डॉ. योगेश प्रवीण की सोमवार दोपहर अचानक तबीयत बिगड़ी, जिसकी सूचना मिलने पर मैंने खुद CMO से फोन पर बात की और उन्हें तत्काल एंबुलेंस मुहैया कराने का अनुरोध किया, लेकिन कई घंटों के बाद भी उन्हें एंबुलेंस नहीं मिल पाई और समय से इलाज न मिल पाने के कारण उनकी मौत हो गई।
  • मिल रही कम किट: मंत्री ने कहा कि जिले में हर दिन 4-5 हजार कोरोना केस मिल रहे हैं। ऐसे में लखनऊ में प्राइवेट पैथोलॉजी सेंटर में कोविड टेस्ट बंद करा दिया गया है। सरकारी अस्पतालों में जांच रिपोर्ट आने में कई दिन लग रहे हैं। हेल्थ डिपार्टमेंट के एक बड़े ऑफिसर से एक हफ्ते पहले बात हुई थी, उन्होंने बताया कि रोजाना 17,000 टेस्टिंग किट की जरूरत है, लेकिन सिर्फ 10,000 किट ही मिल पा रही हैं।

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