कोरोना पर सुप्रीम कोर्ट बेहद सख्त, केंद्र से माँगा जवाब...

कोरोना पर सुप्रीम कोर्ट बेहद सख्त, केंद्र से माँगा जवाब...

सुप्रीम कोर्ट में आज कोरोना के नेशनल प्लान को लेकर सुनवाई होगी. कोरोना के बढ़ते ग्राफ और मरीजों को होने वाली परेशानियों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था और केंद्र को नोटिस जारी कर कोरोना से निपटने के लिए नेशनल प्लान मांगा था. देश में बढ़ते कोरोना केस को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर स्वतः संज्ञान लिया था। SC ने नोटिस जारी कर पूछा था कि कोरोना से बचाव के लिए केंद्र सरकार के पास क्या प्लान है? कोर्ट में दोपहर 12.15 सुनवाई होगी।

जस्टिस एस. रविंद्र भट, जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ और जस्टिस एल. नागेश्वर की तीन सदस्यीय बेंच इस मामले पर सुनवाई करेगी। कोर्ट ने इस मुद्दे पर देश के वरिष्ठ वकील और पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे को एमिकस क्यूरी बनाया था, हालांकि उन्होंने खुद को इस केस से अलग करने का अनुरोध किया था। SC ने उन्हें इसकी अनुमति दे दी थी।

23 अप्रैल को मामले की पिछली सुनवाई के दौरान जज खास तौर पर इस बात पर खिन्न नजर आए कि दो दिनों सुप्रीम कोर्ट की मंशा को लेकर वरिष्ठ वकील और तमाम लोगों ने तरह-तरह के आरोप लगाए हैं.

मामले में एमिकस क्यूरी बनाए गए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने भी इस तरह के आरोपों पर दुख जताते हुए अपने आप को इस दायित्व से अलग कर दिया. सुनवाई के अंत में जजों ने वकील अनुराधा दत्त को हरीश साल्वे की जगह एमिकस क्यूरी नियुक्त कर दिया.

पिछली सुनवाई के दौरान पूर्व चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े, जस्टिस एल नागेश्वर राव और एस रविंद्र भाट ने कई बार यह कहा कि उनका इरादा किसी हाई कोर्ट को सुनवाई से रोकने का बिल्कुल नहीं था. उनकी कोशिश सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर आवश्यक दवाइयों और उपकरणों के उत्पादन और आवागमन में आ रही दिक्कत को आसान बनाने की है. लेकिन लोगों ने बिना सुप्रीम कोर्ट के आदेश को समझे तरह तरह की टिप्पणी करनी शुरू कर दी. जजों ने इस बात पर अफसोस जताया कि ऐसा करने वालों में वरिष्ठ वकील भी शामिल थे. पूर्व चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े के कार्यकाल का यह आखिरी दिन था.

इन 4 मुद्दों पर देना होगा नेशनल प्लान

Ø  राजधानी दिल्ली सहित कई राज्यों में ऑक्सीजन सप्लाई की कमी बनी हुई है। इससे मरीजों की मौत हो रही है।

Ø  पूरे देश में 1 मई से वैक्सीनेशन का तीसरा फेज शुरू हो रहा है, लेकिन राज्यों में वैक्सीन की किल्लत बनी हुई है।

Ø  कोरोना के इलाज में उपयोग होने वाली दवाओं की हर राज्य में कमी है।

Ø  सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लॉकडाउन लगाने का अधिकार कोर्ट के पास नहीं होना चाहिए। ये राज्य सरकार के अधीन हो।

(हर दिल में होते हैं ज़ज्बात, हर मन में हिचकोले लेते हैं ख्यालात कीजिये बयाँ अपने अहसासों को....

साझा कीजिये हमसे अपने लेख, कवितायें या फिर कहानियाँ 

हम पहुंचाएंगे उन्हें उनके कद्रदानों तक @JMDNewsCONNECT में

mail us ur work at @jmdnewsconnect@gmail.com)


SUBSCRIBE our Blog post 

Follow us on https://twitter.com/JmdUpdate

https://www.facebook.com/Jmdtv

https://www.instagram.com/jmdnewsflash/

Post a Comment

0 Comments