जानिए किन घरेलु नुस्खे को अपना कर आप पा सकते हैं कोरोना से छुटकारा...
कोरोना
महामारी का अभी तक कोई कारगर इलाज इजाद नहीं हुआ है। अनुभव के आधार पर कोई कुछ तो
कोई कुछ और बताता है। कोरोना के बारे में जानने के लिए उन स्टार्स
से बात की, जो कभी खुद कोरोना से जंग लड़ चुके हैं। इस दौरान उन्होंने बताया कि वे इस
बीमारी से कैसे उबरे? इसके चलते उनकी लाइफ किस तरह से प्रभावित हुई?
कोरोना से रिकवर होने के बाद दिनचर्या में क्या बदलाव लाए
हैं?
कोरोना निगेटिव आने के लिए क्या खास घरेलू उपाय किए?
पढ़िए फिल्म और टीवी के चुनिंदा एक्टर्स की आपबीती...
मैं, मेरी आठ साल की बेटी वंशिका और तीन सर्वेंट, घर में कुल पांच लोग कोरोना पॉजिटिव हुए थे। लेकिन मेरी पत्नी की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। इस दौरान घर में बहुत ज्यादा तनाव का माहौल हो गया था। यह मेरे परिवार के लिए बड़ी मुश्किल घड़ी थी। क्योंकि मुझे इस दौरान अपना और बेटी सहित सबका खयाल रखना था। लाइफ में पहली बार इतनी ज्यादा परेशानी आई।
बेटी अगले
सप्ताह से ऑनलाइन क्लासेस शुरू करने वाली है। फिर भी हम लोग सोशल डिसटेंसिंग बनाए
हुए हैं। हाथ सैनिटाइज कर रहे हैं। साथ में खाना खाते हैं। अभी तो सर्वेंट नहीं
है। इसलिए सारा काम हम खुद ही कर रहे हैं। 13 अप्रैल को वंशिका ने मेरा बर्थडे भी मनाया। घरेलू उपाय के
तहत गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करता था। काढ़ा पीता था और स्ट्रीम लेता था।
इसके अलावा घर का बना खाना खाता हूं।
एक महीने का
यह वक्त बहुत टफ था। लोगों से यही कहूंगा कि सेफ रहें,
अपने बच्चों का खयाल रखें। क्योंकि कोरोना की दूसरी लहर
बच्चों को ज्यादा इफेक्ट कर रही है। हर एक घंटे में हाथ सैनिटाइज करने चाहिए। सबको
मास्क पहनना चाहिए। ब्रेक द चैन को फॉलो करना चाहिए, तभी जाकर हम कोरोना फ्री होंगे।
कोरोना जिस
किसी को हो रहा है, उन सबमें लक्षण अलग-अलग पाए जा रहे हैं। किसी को बुखार,
किसी को खांसी, किसी को डायरिया तो किसी को बहुत बदन दर्द होता है। शायद
जिसकी बॉडी का जो पार्ट कमजोर है, उसे इफेक्ट करता है। यह बॉडी के हिसाब से होता है। खैर,
जिसको कोरोना हुआ है, वह प्रोटीन ज्यादा खाए। दूसरा,
पानी और लिक्विड चीजें ज्यादा लें। मैं तीन लीटर पानी पीती
थी और डेढ़ लीटर नींबू पानी, मूंग का पानी, ज्यूस और सूप लेती थी। इस तरह कम से कम चार लीटर लिक्विड
बॉडी में जाना चाहिए।
तीसरा,
कंप्लीट आराम। यह बहुत जरूरी है। चाहे तो योग आसन कीजिए।
जैसे- चाइल्ड पोज, ब्राह्मी प्राणायाम, भस्त्रिका प्राणायाम, पर्वतासन, पवन आसन जैसे बेसिक आसन बेड पर बैठकर कीजिए,
जिसमें
शरीर को तकलीफ
न हो। इससे रिकवरी बेहतर होती है। चौथा, गरम पदार्थ का सेवन कीजिए। कोई भी चीज गर्म खाइए। गर्म पानी,
गर्म सूप, गर्म भोजन कीजिए। फ्रिज का खाना और बासी खाना मत खाइए।
मेरा मानना है
कि सोशल मीडिया पर आने वाले मैसेज से दूर रहना चाहिए। मैंने खुद देखा है कि मैसेज
आते हैं कि यहां पर लोग मर रहे हैं, हॉस्पिटल में जगह नहीं है, दवा नहीं मिल रही है। बात सही हो सकती है,
लेकिन इससे ज्यादा डर पैदा हो रहा है। हमारे अंदर
निगेटिविटी बढ़ रही है। निगेटिव सिचुएशन अवॉयड कीजिए। यह अच्छी-खासी सिचुएशन को
खराब कर देती है।
मुझे पर्सनली
अनुभव है कि कपूर की स्मेल लेने से ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है। गर्म पानी के
गरारे और स्ट्रीम करने से भी मुझे फायदा लगा। काढ़ा, हल्दी पानी और नीबू पानी लेने से भी आराम महसूस किया। मेरे
पॉजिटिव होने के बाद मेरे ससुर, मेरे हसबैंड और बेटी सबको कोरोना हो चुका है। इसलिए मुझे यह
समझ में आता है कि ये चार-पांच चीजें बहुत जरूरी हैं,
जो करनी चाहिए।
पर्सनल
एक्सपीरियंस के आधार पर बताऊं तो मुझे कोरोना तब हुआ था,
जब इस बीमारी के बारे में लोग ज्यादा नहीं जानते थे। अभी भी
उतना पता नहीं है। मुझे शूटिंग के समय थकान, कमजोरी और हल्का-सा बुखार आ रहा था। टेस्ट करवाया तो कोरोना
पॉजिटिव निकला। खैर, एक सप्ताह के लिए हॉस्पिटल में एडमिट हो गई। उस समय
हॉस्पिटल में रहना बड़ा दुखदाई था, क्योंकि अपनों से मिल नहीं सकती थी। डॉक्टर-नर्स भी दूर से
बात करते थे। डर का माहौल था। घर आकर भी एक सप्ताह परिवार वालों से अलग रही। मेरा
खाना भी दरवाजे पर रख दिया जाता था।
इस बीमारी के
बाद कमजोरी बहुत होती है। ठीक होने के बाद सेट पर गई तो मेरे चार सीन लगाए जाते
थे। एक सीन करके आती थी तो तुरंत लेट जाती थी। इससे रिकवर होने में करीब दो महीने
का वक्त लगा। स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए हॉस्पिटल में धीरे-धीरे चलना और प्राणायाम
शुरू किया।
हॉस्पिटल में
जब सुबह साढ़े चार-पांच बजे सब सोए रहते थे, तब मैं वॉक किया करती थी। जब हॉस्पिटल से घर आई तो इतनी
स्ट्रॉन्ग दवाइयां दी थीं कि उन्हें खाकर ऐसा लगा जैसे हार्ट अटैक आने वाला है।
इसकी वजह से एसीडिटी और ब्लड प्रेशर भी बढ़ गया था। मैं डर गई कि कहीं वापस
हॉस्पिटल न जाना पड़े। खैर, शुक्र है कि बेटे ने कमरे में झांककर देख लिया। मेरे बताने
के अनुसार, उसने एसीडिटी की दवा दी। फिर जाकर आराम हुआ।
घरेलू उपाय तो
शुरू से ही कर रही थी। जिसमें गिलोय, अश्व गंधा लेती थी। स्पेशली अपना खान-पान सही रखना चाहिए।
उस समय खाने का स्वाद बिल्कुल नहीं आता। वैसे तो वेजिटेरियन हूं,
लेकिन इम्युनिटी बढ़ाने के लिए थोड़ा चिकन और अंडा खाने लगी।
लोग कहते थे कि ताकत बढ़ानी तो नॉनवेज खाना पड़ेगा। तो वह भी खाया। अदरक,
तुलसी के पत्ते की चाय, गरम पानी लेती थी। अभी भी सुबह-सुबह हल्दी का पानी पीती
हूं। योग और प्राणायाम करती हूं। डायविटिक हूं, इसलिए वॉक करना बहुत जरूरी है।
बीमार होना
किसी को पसंद नहीं है। वह भी ऐसा बीमार होना कि 14 दिनों तक अपनों से अलग होकर एक कमरे में बंद हो जाना। यह
वक्त हर किसी का बुरा ही बीतेगा, क्योंकि अकेले बैठे दीवारों को देख रहे हैं। बीमारी से लड़
रहे हैं,
शरीर दुख रहा है, बुखार भी है, दवा खा रहे हैं, उसका रिएक्शन भी हो रहा है। यह 14
दिन काफी तकलीफ भरे रहे। लेकिन क्या करें,
बीमारी का रूप ही ऐसा है तो उसे भुगतना ही पड़ेगा।
मैं 14 दिन हॉस्पिटल में बिताकर आई हूं। अभी तो इतनी ताकत नहीं है
कि रुटीन में वापस आ सकूं, क्योंकि यह बीमारी थका देने वाली होती है। इतने हैवी डोज पर
रहते हैं कि बॉडी अच्छी तरीके से रिएक्ट नहीं कर पाती है। इसमें वक्त लगेगा। लेकिन
मेरी कोशिश रहती है कि 5 से 10 दिन मिनट वॉक कर लूं। इसलिए कमरे में चलती थी। ब्रीदिंग
एक्सरसाइज करती थी। उससे काफी फर्क पड़ा। अब अपने आपको किसी एक्टिविटी में शामिल
करने की कोशिश करूंगी।
जब बीमार पड़ते
हैं तो हर तरफ हाथ-पैर मारते हैं। लोग जो भी राय देते हैं,
वह मानते हैं। मैंने भी वही किया। अभी तक प्रॉपर दवा नहीं
बनी है। डॉक्टर ने जो दवा दी, उसे लेने के साथ काढा, ग्रीन टी, गर्म पानी वगैरह लिया। दिन में तीन-चार बार स्ट्रीम ली।
भरपूर ऑक्सीजन पाने के लिए अजवाइन और कपूर की पोटली बनाकर सूंघती थी। डॉक्टर की दवाइयों
के अलावा ये सब घरेलू उपचार चल रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा गर्म पानी पीने के अलावा
अदरक,
तुलसी, अजवाइन, काली मिर्च, लौंग आदि डालकर अच्छे से उबालकर काढा बना लें। इसे दिन में
तीन-चार बार पीजिए।
दिन में
तीन-चार बार स्ट्रीम लीजिए और गर्म पानी से गरारे कीजिए,
उससे भी फायदा होता है। जितना हल्का खाएंगे,
उतना अच्छा है। क्योंकि आपकी एक्टिविटी कम है। घर का बना
भोजन कीजिए। जितना सावधानी रखेंगे, उतने जल्दी ठीक हो जाएंगे। इससे बीमारी से लड़ने की ताकत
बटोर पाएंगे। हां, ऑक्सीजन लेवल नीचे न जाए, उसके लिए अजवाइन और कपूर की पोटली बनाकर सूंघते रहें,
इससे मुझे फायदा हुआ है।
कोरोना ने मुझ
पर काफी तेज अटैक किया था और इफेक्ट भी डाला। उस समय मुझे बहुत थकान महसूस होती
थी। बाथरूम भी जाना होता था तो दीवार पकड़कर जाती थी। कोरोना ने इफेक्ट करने की
बहुत कोशिश की, लेकिन मैं बच गई। जितने काढ़े आदि के बारे में हम सुनते हैं या डॉक्टर्स बताते
हैं,
वे सब अच्छे हैं। लेकिन लिमिट में लें तो। ऐसा नहीं है कि
दिन में 50
बार काढ़ा पीने से कोरोना भाग जाएगा। दिन में दो बार पीना है
तो दो ही बार पीना है। उसके अलावा अपने फेंफडों को मजबूत रखिए।
योग,
व्यायाम कीजिए। प्राणायाम पर ज्यादा ध्यान दीजिए। जब मुझे
कोरोना हुआ था तो प्राणायाम करती थी। इससे मुझे काफी आराम लगा। क्योंकि सबसे पहले
कोरोना लंग्स पर अटैक करता है। अगर लंग्स स्ट्रॉन्ग रहेंगे तो कुछ नहीं होगा। इसके
अलावा विटिमन- सी ज्यादा से ज्यादा लीजिए। इसमें नींबू पानी,
संतरे अथवा विटमिन-सी की गोली आदि जो सही लगता है,
वह लीजिए। यह पूरे सिस्टम को प्रोटेक्ट करने का सबसे अच्छा
तरीका है।
मैं जब कोरोना
पॉजिटिव थी, तब कोई इधर-उधर की फालतू दवा नहीं खाई। सिर्फ गर्म पानी,
काढा पीती थी। विटमिन-सी खाती थी और प्राणायाम करती थी।
इसके सेवन करने से 15 दिनों में कोरोना को समझ में आ गया कि यहां कुछ नहीं हो
सकता और वह चला गया।
कोशिश कीजिए
कि हैवी खाना न खाएं, क्योंकि हैवी खाना खाने से शरीर का सारा खून और सारी ताकत
उसे पचाने में चली जाती है। प्लीज! जब तक जरूरी न हो,
तब तक घर से न निकले। इससे खुद को और अपने परिवार को
प्रोटेक्ट करके रख पाएंगे। हमारे प्रधानमंत्री से लेकर बड़े-बड़े सेलिब्रिटीज तक हाथ
जोड़कर यही कह रहे हैं। अब लोगों को समझ में आ ही जाना चाहिए।
दूसरे देशों
में दूसरी लहर आई और चली गई। पता भी नहीं चला। लेकिन सिर्फ एक हमारा देश है,
जो इस बीमारी से जूझ रहा है। पहले सिर्फ सुनने और न्यूज में
आ रहा है। अब तो यह महामारी आपके आसपास तक पहुंच गई है। लोगों से बात करो तो हर
चौथे इंसान के खानदान में किसी न किसी को कोरोना हुआ है। प्लीज,
घर पर रहें। दुनिया भर की किताबें पढ़ें,
टीवी प्रोग्राम और ऑनलाइन सीरीज देखिए। अपने परिवार वालों
से बात कीजिए। सेहत का ध्यान रखिए, खुश रहिए, मस्त रहिए।
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