कैंसर के साथ
कोरोना का हमला
88 साल के
देवी प्रसाद रिटायर्ड प्रोफेसर हैं। वह मगध विश्वविद्यालय के HOD
भी रह चुके हैं। वह काफी दिनों से गले के कैंसर से परेशान
हैं। इस जानलेवा बीमारी में बुखार के साथ अन्य परेशानी तो आम बात है,
लेकिन 8 दिन पहले जो बुखार आया वह सामान्य नहीं था। लक्षण
कोरोना के थे। जांच में जब कोरोना डिटेक्ट हो गया तो लगा कैंसर के साथ मिलकर
कोरोना जानलेवा हो जाएगा, लेकिन इसके बाद भी देवी प्रसाद ने हिम्मत नहीं हारी। वह
बोले जिस तरह से कैंसर हार रहा है, वैसे कोरोना भी हारेगा। उन्हें पटना के उदयन हॉस्पिटल में
भर्ती कराया गया, जहां उन्हें बाईपैड पर रखा गया। यह वेंटिलेटर की तरह ही
सपोर्ट होता है, जिससे मरीजों की जान बचाई जाती है।
हिम्मत और जोश
ही बड़ी ताकत
देवी प्रसाद
का कहना है कि हिम्मत और जोश ही हर जंग से जीतने का हथियार है। इसके सहारे ही
जिंदगी की हर जंग लड़ी जाती है। हॉस्पिटल का कहना है कि देवी प्रसाद में काफी जोश
और जज्बा है, इसी का नतीजा है कि उनकी रिकवरी काफी तेजी से हो रही है। हालांकि अभी उन्हें HDU
में ही रखा गया है, लेकिन कोई लक्षण नहीं हैं। काेरोना का खतरा भी अब कम होता
दिख रहा है। उनका इलाज जारी है और कोविड वार्ड में उनकी विशेष निगरानी की जा रही
है।
मरीजों पर हो
रहा बड़ा असर, मनाया बर्थडे
उदयन हॉस्पिटल
के डॉक्टर और अन्य स्टाफ का कहना है कि देवी प्रसाद की उम्र काफी अधिक है और इस
उम्र में भी वह जोश से भरे हैं। बीमारी से लड़ने में दवा के साथ यह भी बड़ा काम कर
रहा है। सबसे बड़ा असर तो साथ में भर्ती कोविड वार्ड के अन्य मरीजों पर हो रहा है।
वह देवी प्रसाद के जोश को देखकर उत्साहित हैं। इतना ही नहीं,
सोमवार को देवी प्रसाद का बर्थ डे हॉस्पिटल की तरफ से
सेलिब्रेट किया गया। इस दौरान भी देवी प्रसाद के अंदर एक बच्चे जैसा उत्साह दिखा।
इसे देख अन्य संक्रमित मरीजों पर बड़ा असर पड़ा। संक्रमित भी बीमारी भूलकर खूब
इंज्वाय किए।
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