इस तरह से रखें बच्चों की त्वचा को स्वस्थ और हेल्दी
दूध और हल्दी
कच्चे दूध में हल्दी या बेसन मिलाकर शिशु के शरीर पर लगाएं और 5 से 10 मिनट के बाद इसे साफ और सूती कपड़े से हटा दें। दूध में विटामिन ए, डी, बी12, लैक्टिक एसिड और बायोटिन के साथ कई अन्य पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं। यह नैचुरल क्लींजर की तरह काम करता है जिससे स्किन हाइड्रेट रहती है। हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लामेट्री गुण होते हैं जो रंगत को निखारने का काम करते हैं। बेसन से भी स्किन पर तुरंत ग्लो आता है।
दही और टमाटर
दही में टमाटर के गूदे को मिलाकर शिशु की स्किन की मालिश करें। जिन हिस्सों पर आपको पिगमेंटेशन दिख रही है, उन हिस्सों पर जरूर मसाज करें। दही स्किन को हाइड्रेट करती है और टमाटर नैचुरल ब्लीचिंग एजेंट का काम करता है। इससे कोशिकाएं पुनर्जीवित होती है और स्किन से धूल और मिट्टी निकलती है।
ओटमील स्क्रब
शिशु की त्वचा बहुत नाजुक होती है इसलिए उन पर केमिकल युक्त साबुन, शैंपू या मॉइश्चराइजर का इस्तेमामाल नहीं करना चाहिए। इसकी जगह आप शिशु को ओटमील बॉडी स्क्रब से नहला सकती हैं। थोड़ा-सा ओट्स लें और उसमें गुनगुना पानी और शहद डालकर एक पेस्ट बना लें। इस स्क्रब को हल्के हाथों से शिशु की स्किन पर लगाएं और फिर बच्चे को नहला दें। ओटमील में अमीनो एसिड होते हैं जो त्वचा के डल रंग को ठीक करते हैं। इसके एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेट्री गुण स्किन को ठंडक देकर चमकदार बनाते हैं।
नारियल तेल
दिन में कम से कम एक बार गुनगुने नारियल तेल से मालिश करने से स्किन में लचीलापन आता है और ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है। तेल स्किन में गहराई से जाकर उसे हाइड्रेट करता है जिससे स्किन की रंगत में निखार आता है। शिशु की मालिश करने के लिए नारियल तेल सबसे ज्यादा असरकारी होता है। इससे स्किन का रंग भी साफ होता है और दाग-धब्बे भी दूर होते हैं।
एलोवेरा जेल
यदि शिशु की स्किन पर रैशेज, खुजली, जलन या एलर्जी हो गई है तो आप उस पर एलोवेरा जेल लगा सकती हैं। इसके औषधीय गुण स्किन ही हर तरह की परेशानी को दूर करते हैं। आप एलोवेरा जेल में दही, बेसन, शहद या नारियल तेल मिलाकर शिशु की त्वचा पर लगा सकती हैं। आप चाहें तो एलोवेरा जेल को शिशु की स्किन पर सीधा भी लगाया जा सकता है। हालांकि, इससे पहले डॉक्टर से एक बार बात करना बेहतर होगा।
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