Suggestions : बेडशीट ख़रीदें, तो याद रखें चंद बातें, साथ ही जानें बाथरूम को कैसे रखें साफ़...

अक्सर जब हम बेडशीट खरीदने जाते हैं तो सोच में पड़ जाते हैं कि किस तरह का बेडशीट हमारे कमरे के लिए अच्छा रहेगा या फिर कपड़ा कैसा लें या रंग कैसा लें ऐसे ही कंफ्यूजन से निकालने के लिए हम आपके लिए लाये हैं ये ज़रूरी खबर..

कपड़े का ख़्याल

बेडशीट ख़रीदते समय सबसे ज़रूरी है उसका कपड़ा अच्छा होना। कई बार कपड़ा चिकना होने या आरामदायक न होने के कारण नींद में बाधा आती है। इसलिए हमेशा अच्छी गुणवत्ता की बेडशीट लें। इसमें कॉटन सबसे आरामदायक माना जाता है। लेकिन शुद्ध सूती कपड़े में धोने के बाद सिकुड़ने या सलवटें पड़ जाने की संभावना होती है। टेरीकॉट मिली हुई सूती चादरें धोने-संभालने में अच्छी होती हैं।

मौसम के अनुसार

फैब्रिक मौसम के अनुसार भी ख़रीदा जा सकता है। जैसे गर्मी में कॉटन की बेडशीट्स अधिक आरामदायक और ठंडी रहती हैं, वहीं सर्दियों में सिल्क, साटिन, लिनेन की बेडशीट बढ़िया मानी जाती हैं। आजकल सर्दियों के लिए वूलन बेडशीट्स भी पसंद की जाती हैं।

उम्र के हिसाब से लें

आजकल सबके लिए बेडशीट्स आती हैं। बच्चों के लिए एनीमल प्रिंट, बड़ों के लिए सोबर पेस्टल कलर्स, बुज़ुर्गों के लिए हल्के रंग तो युवाओं के कमरों के लिए चटख रंग की बेडशीट्स अच्छी लगती हैं।

गिलाफ़ संग मेल

कई बार चादरें अलग अच्छी लगती हैं और तकिए के गिलाफ़ अलग। इनको साथ लगाने पर बहुत भारी-सा लुक आता है या एकदम फीका लगता है। बेडशीट चुनते समय गिलाफ़ का मेल जांचना ना भूलें।

नाप न गड़बड़ाए

कई बार हम सिंगल बेड व डबल बेड बोलकर बेडशीट ख़रीद लाते हैं। लेकिन घर लाकर पता चलता है कि ये छोटी आ गईं। इसलिए पहले बेड या गद्दे का नाप पता करके जाएं। इससे आप बिना ग़लती के सही बेडशीट ख़रीद सकेंगे। गद्दे की ऊंचाई भी मायने रखती है। चूंकि चादर बिछाने के बाद गद्दे के नीचे दबाई जाती है, इसलिए नाप लेते समय इस पहलू का भी ख़्याल रखें।

थ्रेड काउंट न भूलें

उच्च थ्रेड काउंट वाली बेडशीट अधिक आरामदायक होती है। इसलिए जब भी आप कोई बेडशीट ख़रीदने जाएं, तो आपको उसका थ्रेड काउंट देखना चाहिए। लगभग 300-500 थ्रेड काउंट वाली बेडशीट अच्छी मानी जाती है।

रिटर्न पॉलिसी जानें

अधिकतर लोग ऑनलाइन ख़रीदारी करते हैं। आप भी ऑनलाइन बेडशीट ख़रीदने के बारे में सोच रहे हैं तो पहले उस वेबसाइट की रिटर्न पॉलिसी जान लें, ताकि पसंद न आने पर लौटाना आसान हो। 

बाथरूम रहे कीटाणु मुक्त

बाथरूम यूं भी गीला रहता है और बारिश के समय में हवा में नमी के चलते यह और सीला-सा लगने लगता है। नमी के चलते कीटाणुओं के बढ़ने की आशंका भी होती है। बाथरूम को कैसे कीटाणुमुक्त रखें, जानिए।

फ़र्श रखें साफ़-सुथरा बाथरूम का फर्श नियमित रूप से साफ़ करें। हफ्ते में एक बार कीटाणुनाशक से भी साफ़ करें। बाथरूम की दीवारें, टॉयलेट सीट, बाथटब और शावर के आसपास की जगह भी साफ़ करें। फ़र्श की रोज़ाना सफ़ाई से इस पर पानी नहीं जमता और फिसलन बनने का डर भी नहीं रहता।

एक ही साबुन का इस्तेमाल ये बेहद सामान्य बात है लेकिन ध्यान देने योग्य है। परिवार के सदस्य अक्सर नहाने के लिए एक ही साबुन का इस्तेमाल कर लेते हैं। लेकिन किसी को संक्रमण होने से यह दूसरे व्यक्ति में पहुंच सकता है। इसलिए या तो अलग-अलग साबुन का इस्तेमाल करें या लिक्विड सोप का प्रयोग करें।

बाथरूम में तौलिया न टांगे अक्सर नहाकर तौलिया बाथरूम में टांग देते हैं या धोकर बाथरूम में रख देते हैं, ताकि नहाने के वक़्त वहीं मिल जाए। लेकिन नमी के कारण तौलिए में कीटाणु अपनी जगह बना लेते हैं। फ्लश करने पर भी कीटाणु फैलते हैं। इसलिए तौलिए और कपड़ों को बाथरूम में टांगकर न रखें।

लूफा रखें हवादार जगह नहाने के लिए लूफा इस्तेमाल करते हैं, तो इसे धोकर किसी ऐसी जगह पर रखें जहां हवा व धूप आती हो। लंबे समय तक नमी के कारण इसमें बैक्टीरिया जन्म लेने लगते हैं जिनसे संक्रमण का ख़तरा बढ़ता है।

ब्रश होल्डर साफ़ रखें ब्रश करते समय कुछ मिनट के लिए ही ब्रश होल्डर पर ध्यान जाता है। इसलिए इसकी सफ़ाई नज़रअंदाज़ हो जाती है। ब्रश होल्डर को हफ्ते या पंद्रह दिन में साफ़ करते रहें। इससे बैक्टीरिया और संक्रमण का डर नहीं रहता।

साबुन न फैले ये समस्या बेहद आम है। बाथरूम में कपड़े धोने का साबुन गल-गलकर फ़र्श पर फैलता है और फ़र्श ख़राब हो जाता है। कई बार साबुन जम जाता है और फिर साफ़ करना मुश्किल होता है। साबुन को या तो ऐसी जगह रखें जहां इसे हवा लगे या फिर वॉशिंग पाउडर का इस्तेमाल ही करें।

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