सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो तो आपने देखा होगा। एक लड़की बीच सड़क कैब ड्राइवर को उछल-उछलकर थप्पड़ लगा रही है। लड़की ने ड्राइवर का मोबाइल भी तोड़ दिया और बीच-बचाव करने वालों से भी भिड़ गई। घटना लखनऊ के अवध चौराहे की है। लड़की का आरोप था कि कैब ड्राइवर ने उसे अपनी गाड़ी से हिट किया है। पुलिस ने लड़की की कहानी पर भरोसा करते हुए कैब ड्राइवर को रातभर थाने में बिठाया और चालान भी किया।
अगले ही दिन घटना का एक CCTV फुटेज सामने आ गया और थप्पड़बाज लड़की के 'विक्टिम कार्ड' की पोल खुल गई। CCTV में देखा गया कि लड़की को कैब ने हिट नहीं किया। इसके
बाद सोशल मीडिया पर लड़की को गिरफ्तार करने और कैब ड्राइवर को इंसाफ दिलाने की
मुहिम छिड़ गई। 2 अगस्त की शाम तक पुलिस ने वायरल वीडियो में दिख रही लड़की
प्रियदर्शिनी यादव पर मुकदमा दर्ज कर लिया।
इस घटना ने एक बार फिर 'विक्टिम कार्ड' पर बहस छेड़ दी है क्योंकि इससे
पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। इनका पैटर्न यूं था कि महिलाओं ने किसी पर
आरोप लगाए और बिना किसी जांच पड़ताल के उनके आरोपों को सही मान लिया गया, पर बाद में आरोप साबित नहीं हुए। इस दौरान लड़कों का आत्मसम्मान, करियर, पैसे के अलावा बहुत कुछ खो गया। हम यहां ऐसे ही चार चर्चित मामलों की कहानी
लेकर आए हैं...
1.ट्रैफिक लाइट पर हुई बहस, लड़की ने यौन शोषण का आरोप लगा दिया
शुरुआती कहानीः 23 अगस्त 2015 को जसलीन कौर ने एक ट्वीट किया। इसमें रॉयल इनफील्ड पर सवार सर्वजीत सिंह की फोटो थी। साथ में कैप्शन लिखा था कि इस शख्स ने तिलक नगर में शर्मनाक तरीके से मेरे ऊपर भद्दे कमेंट किए। इस ट्वीट को अरविंद केजरीवाल समेत कई हस्तियों ने रीट्वीट किया और जसलीन की बहादुरी की तारीफ की। जसलीन ने सर्वजीत के खिलाफ FIR भी दर्ज करवाई। सोशल मीडिया से लेकर मीडिया तक सर्वजीत को विलेन बना दिया गया।
बाद में सच सामने
आयाः दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में
चार साल तक इस मामले का ट्रायल चला। जसलीन के बयान लगातार बदल रहे थे जिस पर कोर्ट
ने भरोसा नहीं किया। 2019 में सर्वजीत निर्दोष साबित हुए।
सर्वजीत का कहना
है, "जसलीन तो झूठे आरोप लगाकर
विदेश चली गई, लेकिन इससे उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई। पापा
को हार्ट अटैक आ गया। मम्मी ब्लड प्रेशर की मरीज हो गईं। मेरी नौकरी चली गई। लोगों
ने मुझे दरिंदा घोषित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।"
निर्दोष साबित
होने के बाद सर्वजीत ने अब जसलीन के खिलाफ केस किया है। उनके वकील अमिश अग्रवाल
कहते हैं कि झूठे आरोपों की लिए जसलीन कौर को जेल होनी चाहिए। साथ ही सर्वजीत को
जिस प्रताड़ना का सामना करना पड़ा, उसके
लिए हर्जाना मिलना चाहिए।
2.फूड डिलीवरी में देरी पर हुई बहस,
लगाया मारपीट का आरोप
शुरुआती कहानीः बेंगलुरु की हितेशा ने 10 मार्च को सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किया। जिसमें वे बता रही थीं कि कैसे जोमैटो डिलीवरी ब्वॉय ने उन पर हमला किया। हितेशा का कहना था कि डिलीवरी लेट हो जाने की वजह से उसने ऑर्डर लेने से मना कर दिया। इस बात पर दोनों में बहस होने लगी। इसी बीच डिलीवरी ब्वॉय ने उनकी नाक पर पंच मारा और भाग निकला। इसके बाद हितेशा के नाक से खून निकलने लगा। उनकी हड्डी भी फ्रैक्चर हो गई। हितेशा ने पुलिस कम्प्लेन भी की। लिहाजा डिलीवरी ब्वॉय को गिरफ्तार कर लिया गया।
बाद में सच सामने
आयाः कुछ दिन बाद
डिलीवरी ब्वॉय कामराज ने अपना पक्ष रखा। उसने बताया, 'बारिश की वजह से डिलीवरी लेट हुई। इसके बाद युवती ने ऑर्डर
के बदले पैसे देने से इंकार कर दिए। मैंने खाना वापस करने को कहा,
लेकिन लड़की ने खाना वापस नहीं दिया। इसी दौरान उसने चप्पल
से मुझे मारने की कोशिश की। जब मैं खुद को बचा रहा था,
तब लड़की का हाथ खुद ही उसके मुंह पर लगा और रिंग से चोट लग
गई।'
जोमैटो के फाउंडर
दीपिंदर गोयल ने बताया कि डिलीवरी ब्वॉय की रेटिंग 5 में से 4.75 है। जोमैटो ने कामराज की कानूनी मदद करने का फैसला किया।
इस मामले में लेटेस्ट अपडेट ये है कि हितेशा ने इस मामले में अपने बयान दर्ज नहीं
करवाए। उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया कि वो बेंगलुरु छोड़ रही हैं। पुलिस की तरफ
से ये केस बंद किए जाने की खबरें भी आ रही हैं।
3.इंस्टाग्राम
पर लगाया रेप की कोशिश का आरोप, लड़के ने सुसाइड कर लिया
शुरुआती कहानीः 2020 में इंटरनेट पर एक स्कैंडल सामने आया 'ब्वॉयज लॉकर रूम' का। इसमें सामने आया कि सोशल मीडिया ग्रुप पर नाबालिग लड़के रेप की बातें कर रहे हैं। इससे जुड़ी खबरें पढ़ने के बाद गुरुग्राम की एक नाबालिग ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट डाली। उसमें आरोप लगाया कि मानव सिंह ने दो साल पहले उनका रेप करने की कोशिश की थी। ये पोस्ट वायरल हुई और मानव को कॉल और मैसेज की भरमार हो गई। ट्रोलिंग के दबाव में 2 घंटे के अंदर मानव ने 11वीं मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी।
बाद में सच सामने
आयाः इंस्टाग्राम पर
आरोप लगाने वाली युवती ने रेप की कोशिश की कोई पुलिस कम्प्लेन नहीं करवाई। मानव के
परिवार वालों ने युवती के खिलाफ सुसाइड के लिए उकसाने का आरोप लगाया। पिता का आरोप
है कि गुरुग्राम पुलिस ने इस मामले में सही तरीके से जांच नहीं की। इसके बाद
ह्यूमन राइट्स कमीशन ने इसकी जांच क्राइम ब्रांच से करवाने को कहा है।
मानव सिंह का केस
लड़ रहे वकील अमिश अग्रवाल का कहना है कि एक झूठे आरोप की वजह से मेरे क्लाइंट का
इकलौता लड़का इस दुनिया से चला गया। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि इस मामले में
जो भी इन्वॉल्व है उसे सजा मिले। साथ ही इस यातना का हर्जाना भी दिया जाए।
4.बस
की सीट को लेकर हुआ विवाद, लड़कियों ने बेल्ट से पिटाई कर दी
शुरुआती कहानीः दिसंबर 2014 की बात है। रोहतक रोडवेज बस स्टैंड से सोनीपत जाने वाली बस
यात्रियों से भरी थी। इसमें कॉलेज से घर लौट रही पूजा और आरती नामक दो बहनें भी
सवार थीं। कुछ कहासुनी के बाद दोनों बहनों ने तीन युवकों की बेल्ट से पिटाई की।
किसी ने इस घटना का वीडियो बना लिया जिसके बाद इन दोनों बहनों के बहादुरी के कसीदे
पढ़े गए। युवतियों का आरोप था कि लड़के छींटाकशी कर रहे थे। लड़कों को गिरफ्तार
करके जेल भेज दिया गया।
बाद में सच सामने
आयाः उस बस में सवार
अन्य यात्रियों ने सामने आकर बताया कि मामला छेड़खानी का नहीं था। ये सिर्फ एक सीट
को लेकर विवाद था। ढाई साल तक केस चला। कोर्ट ने मार्च 2017
को रोहतक के आसन गांव के निवासी तीनों युवकों कुलदीप,
मोहित और दीपक को बरी कर दिया। हालांकि तब तक लड़कों के
इंडियन आर्मी जॉइन करने का सपना अधूरा ही रह गया।
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