खाने की आदत से जुड़ा है कोरोना का रिस्क: प्रोसेस्ड मीट की हाफ सर्विंग भी इसे 10% तक बढ़ा सकती है..

कोरोना का डेल्टा वैरिएंट बहुत संक्रामक है और जरा सी लापरवाही इस महामारी को न्योता देने की तरह है। बार-बार हाथ धोने, मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ आपको खानपान पर भी बहुत ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि अच्छी डाइट से ही इम्यून सिस्टम मजबूत होगा और आप खुद को कोरोना से बचा पाएंगे। रिसर्चर्स का मानना है कि आपकी डाइट कोरोना संक्रमण के खतरे को घटा या बढ़ा सकती है।

रिसर्च में पता चला है कि अपनी डाइट में कई तरह के ताजे फल और अनप्रोसेस्ड फूड शामिल करने चाहिए, जिससे आपको जरूरी विटामिन, मिनरल्स, फाइबर, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट मिल सकें।

शिकागो में नॉर्थ-वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने डाइट और कोरोना के बीच संबंध तलाशने के लिए यूके बायोबैंक डेटा का इस्तेमाल किया। स्टडी में शामिल 38,000 वॉलंटियर्स (बच्चे भी शामिल) में से करीब 17 प्रतिशत लोग कोरोना पॉजिटिव थे।

कॉफी और सब्जियां कोरोना के खतरे को कम करती हैं

रिसर्च में पता चला है कि कॉफी, सब्जियां और बच्चों में ब्रेस्टफीड, कोरोना के खतरे को 10 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं...

कॉफी- रिसर्च में पता चला कि जो लोग हर दिन एक कप या इससे ज्यादा कॉफी पीते हैं, उनका इम्यून सिस्टम ज्यादा मजबूत होता है। कॉफी में कई सारे पॉलीफेनोल्स पाए जाते हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है क्लोरोजेनिक एसिड। यह इम्यून सिस्टम मजबूत करता है और इन्फ्लेमेशन कम करने में भी मदद करता है।

सब्जियां- इनमें माइक्रोन्यूट्रिएंट और फाइटोन्यूट्रिएंट होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। स्टडी में यह भी सामने आया कि लोगों को मजबूत इम्यून सिस्टम के लिए माइक्रोन्यूट्रिएन्ट और मैक्रोन्यूट्रिएन्ट- दोनों की जरूरत होती है। ये ज्यादातर पोषक तत्व हमें वेजिटेरियन खाने में ही मिल जाते हैं। माइक्रोन्यूट्रिएन्ट यानी विटामिन और मिनरल। ये चीजें हमारे शरीर के सहज संचालन और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के काम आती हैं। मैक्रोन्यूट्रिएन्ट हमें एनर्जी देते हैं जिससे बॉडी के सभी फंक्शन बिना किसी रुकावट के चलते रहते हैं। मोटे तौर पर इन्हें तीन ग्रुप में बांटा जा सकता हैः कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फैट।

ब्रेस्टफीड- ब्रेस्टफीडिंग बच्चों में एंटीबॉडी बनाती है, जो उन्हें कान के इन्फेक्शन, सर्दी, फ्लू और आंत के इन्फेक्शन जैसी बीमारियों से बचने में मदद कर सकता है। साथ ही यह उन्हें रेस्पिरेटरी ट्रैक इन्फेक्शन से बचाने में मदद करता है और कोरोना भी इसी कैटेगरी में आता है।


कोविड-19 संक्रमण के खतरे को कम करने में एक और पोषक तत्व जरूरी है और वो है ओमेगा-3 फैटी एसिड। हमारे शरीर को तीन तरह के ओमेगा (एएलए, डीएचए और ईपीए) की जरूरत होती है।

ओमेगा एएलए मुख्य रूप से पौधों के तेल और बीजों में पाया जाता है, जैसे चिया, अलसी और कनोला का तेल। डीएचए और ईपीए सिर्फ मछलियों और शैवालों में पाया जाता है। मछलियां शैवाल को खाती हैं और इसीलिए उनमें ओमेगा-3 भरपूर मात्रा में होता है।



 

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