मल्टीनेशनल प्लेयर्स के पास कंटेंट खरीदने
और प्रोड्यूस करने के लिए बहुत बड़ा बजट है। मोबाइल कंपनियों और आईएसपी से बंडल
सबस्क्रिप्शन के लिए बेहतर डील करने की स्थिति है। दूसरी ओर रीजनल प्लेटफॉर्म अपने
स्थानीय कनेक्ट के जोर पर मुस्तैद हैं। उनको पता है कि दर्शक क्या देखना चाहते
हैं।
छोटे शहरों में स्थानीय फ्लेवर की डिमांड
शेमारू एंटरटेनमेंट लिमिटेड के सीईओ हिरेन
गड़ा ने दैनिक भास्कर को बताया कि बीते साल हमारी रीजनल भाषाओं की व्यूअरशिप 100%
से बढ़ी है। छोटे शहरों और गांवों में भी इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ-साथ डेटा का
यूज बढ़ रहा है। यह वह दर्शक है, जो अपनी
भाषा-संस्कृति से गहरा लगाव रखता है, उसे अपनापन महसूस कराए,
ऐसा कंटेंट चाहिए।
रीजनल के सितारे
नेटफ्लिक्स के टॉप फाइव शो में धनुष की
तमिल फिल्म ‘जगमे थंडीराम’ है,
अमेजन पर मलयालम स्टार पृथ्वीराज की कोल्डकेस ने धूम मचाई है। जिनके
स्कैम-92 के चर्चे चारों ओर हैं, उन
प्रतीक गांधी की दूसरी वेब सीरीज विट्ठल तिडी ओहो गुजराती पर आई। बंगाली
प्लेटफॉर्म होईचोई पर तो बांग्लादेश के स्टार मुशर्रफ करीम ने भी दस्तक दी है।
यूजर की जरूरतों के हिसाब से कंटेंट ‘प्लेनेट मराठी’ प्लेटफॉर्म के फाउंडर अक्षय
बर्दापुरकर ने दैनिक भास्कर को बताया कि दुनियाभर में मराठी जानने वाले लोग सिर्फ
फिल्म और वेब शो ही नहीं, मराठी ड्रामा भी देखना चाहते हैं।
हम उनकी जरूरतों के मुताबिक कंटेंट पेश करते हैं।
लोकलाइजेशन अहम
अपनी आर्थिक संभावनाओं के बारे में अक्षय
बताते हैं कि भारत में बोलने वालों की संख्या के हिसाब से मराठी तीसरे नंबर की
भाषा है। करीब 30 करोड़ लोग मराठी जानते हैं, इसमें से मान लीजिए कि हम सिर्फ दो करोड़ ऐसे लोगों पर फोकस कर रहे हैं,
जिनके पास नेट कनेक्टिविटी है।
सालाना 365 रुपए के प्लान से अगर हम दो करोड़ सबस्क्राइबर को टारगेट कर पाए तो सालाना
सबस्क्रिप्शन रेवेन्यू 720 करोड़ होगा। रीजनल मार्केट प्राइस
सेंसिटिव है। राधे 249 रुपए प्रति व्यू के हिसाब से लांच की
गई थी। हमारी प्रति व्यू कीमत 50 रुपए ही है। यह पे-पर-व्यू
मॉडल हमारा फोकस है।
सीमा पार से कंटेंट जनरेशन
पुलिस स्टेशन की अंदरूनी गतिविधियों की
कहानी कहती वेब सीरीज में बंगाली ‘मोहनगर’
भी शामिल हो गई है। ‘होईचोई’ की इस सीरीज की खास बात यह है कि यह ढाका के पुलिस स्टेशन के अंदरूनी
हालात बयां करती है। बांग्लादेश के स्टार मुशर्रफ करीम इसमें अहम किरदार में हैं।
होईचोई के बिजनेस हेड सौम्य मुखर्जी ने
दैनिक भास्कर को बताया कि बंगाल या भारत में रहने वाले बंगाली ही नहीं,
बांग्लादेश में भी होईचोई पॉपुलर हो चुका है। दूसरे प्लेटफॉर्म अन्य
देश में दर्शक ढूंढ रहे होंगे, पर हमने तो यहां से कंटेंट
जनरेशन भी शुरू किया है। होईचोई की पैरेंट कंपनी 25 सालों से
एंटरटेनमेंट सेक्टर की बड़ी प्लेयर है। 600 मूवी टाइटल और 85 वेब शो के साथ ‘होईचोई’ के
पास सबसे समृद्ध कंटेंट लाइब्रेरी है।
गुजराती ज्यादा टफ मार्केट
ऐसा भी नहीं कि सबके लिए मामला आसान है।
दो माह पहले लांच हुए गुजराती प्लेटफॉर्म ‘ओहो
गुजराती’ के फाउंडर अभिषेक जैन ने दैनिक भास्कर को बताया कि
साउथ इंडिया या तो बंगाल में हिंदी के दर्शक ना के बराबर हैं, इसलिए वहां रीजनल एंटरटेनमेंट सेक्टर बहुत मजबूत है।
मगर, गुजराती
में लोग हिंदी कंटेंट भी चाव से देखते हैं, यहां समांतर
गुजराती कंटेंट मार्केट क्रिएट करना बड़ी चुनौती है। अभिषेक की ‘केवी रीते जईश’ फिल्म से मल्टीप्लेक्स में गुजराती
फिल्में रिलीज होनी शुरू हुई। अर्बन गुजराती फिल्मों का ट्रेंड बना। अब अभिषेक ने
गुजराती OTT की डिमांड क्रिएट करने की चुनौती उठाई है।
वे कहते हैं कि पायरेसी बहुत बड़ा इश्यू
है। जैसे,
रूरल बैकग्राउंड पर बनी प्रतीक गांधी की ‘विट्ठल
तिडी’ छोटे शहरों और गांवों में देखी गई, मगर ज्यादातर लोगों ने पायरेटेड कॉपी ही देखी।
अभिषेक को उम्मीद है कि आने वाले समय में
रीजनल प्लेटफॉर्म के बीच कंटेंट इंटीग्रेशन का रास्ता खुल सकता है। इससे हर भाषा
के OTT
को बड़ा बाजार भी मिलेगा और मल्टीनेशनल प्लेयर्स का मुकाबला करने में
आसानी होगी।
ओरिजिनल की लाइब्रेरी बढ़ाने का व्यूह
शेमारू के हिरेन गड़ा ने बताया कि हमने
गुजराती मार्केट की स्टडी की और इसमें और क्या करना चाहिए वह ढूंढ निकाला। इसके
बाद ओरिजिनल कंटेंट पर फोकस बढ़ाया। स्वागतम शेमारू मी जैसे OTT
प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई पहली फिल्म बनी। इसके साथ ‘वात वात मां’, पॉलिटिकल थ्रिलर ‘षड्यंत्र’ जैसे शो लेकर आए। आज ‘शेमारू मी’ के पास गुजराती फिल्में, वेब शो और ड्रामा के 500 से ज्यादा टाइटल हैं।
अपने नेटवर्क का फायदा ले रहा नेटफ्लिक्स
दूसरी ओर नेटफ्लिक्स इंडिया की कंटेंट
एक्विजिशन डायरेक्टर प्रतीक्षा राव ने दैनिक भास्कर को बताया कि हम रीजनल भाषाओं
में ओरिजिनल कंटेंट अवेलेबल करा रहे हैं। साथ-साथ हमारे हिंदी और दूसरी
अंतरराष्ट्रीय भाषाओं का बेस्ट कंटेंट भी रीजनल भाषाओं में लाए हैं।
प्राइम वीडियो इंडिया के कंटेंट हेड और
डायरेक्टर विजय सुब्रमनियम ने बताया कि हमने भारत में लांच ही पांच भाषा के साथ
किया था। अब हिंदी के अलावा मराठी, तमिल,
गुजराती, बंगाली, तेलुगु,
कन्नड़, मलयालम और पंजाबी समेत 9 भाषा में हमारा कंटेंट अवेलेबल है।
मलयालम की दृश्यम-2,
वी एक मिनी कथा (तेलुगु), सुरारू पोतरु मारा
(तमिल), फोटो फ्रेम (मराठी), पिकासो
(मराठी) प्राइम वीडियो पर डायरेक्ट रिलीज हुई हैं।
साउथ में सन का मुकाबला नहीं
ट्रेड एनालिस्ट रमेश बाला ने दैनिक भास्कर
को बताया कि साउथ की चारों भाषा में बड़ा प्लेयर सन ग्रुप शुरू से ही अपने टाइटल्स
के डिजिटल राइट्स के बारे में जागरूक रहा है। इसी वजह से आज सन नेक्स्ट के पास
कंटेंट का बहुत बड़ा खजाना है। तेलुगु में अल्लू अरविंद ग्रुप का ‘अहा’ प्लेटफॉर्म तेजी से बढ़ रहा है। OTT की संभावना देखते हुए राम गोपाल वर्मा भी ‘स्पार्क’
प्लेटफॉर्म लेकर आए।
बाला बताते हैं कि कई बार टाइटल की संख्या नहीं, क्वालिटी अहम हो जाती है। जैसे मलयालम प्लेटफॉर्म ‘नी स्ट्रीम’ एक ही फिल्म ‘दी ग्रेट इंडियन किचन’ से क्लिक हो गया। बाला का कहना है कि ‘फैमिली मैन’ सीरीज से यह साबित हो गया कि प्राइम वीडियो तमिल मार्केट पर फोकस कर रहा है, इस मुकाबले में दर्शक को फायदा ही फायदा है।
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