बदले कोरोना के लक्षण, वैक्सीनटेड लोगों को भी है कोरोना से खतरा...

कोरोना वैक्सीनेशन के हिसाब से इस समय दुनिया में तीन कैटेगरी के लोग हैं। पहली- जिन्हें कोरोना वैक्सीन की दोनों या फुल डोज लग चुकी हैं। दूसरी- जिन्हें सिर्फ एक डोज लगी है और तीसरी- ऐसे लोग जिन्हें अब तक वैक्सीन लगी ही नहीं। एक तरफ ये तीन कैटेगरी और दूसरी तरफ कई तरह के वैरिएंट, इन दोनों ही वजह से तीनों तरह के लोगों को कोरोना होने पर अलग-अलग तरह के आम लक्षण सामने आ रहे हैं।

नए वैरिएंट्स के चलते कोरोना के टॉप लक्षण बदल गए तो वैक्सीनेशन भी इनमें बदलाव की वजह बना। 2020 में कोरोना की शुरुआत में लोगों को सूखी खांसी और बुखार मुख्य लक्षण थे। इसके बाद के दिनों में पॉजिटिव लोगों में तेज सिर दर्द, बदन दर्द और बुखार जैसे लक्षण दिखे। कुछ दिन बाद स्वाद और सूंघने की क्षमता का चला जाना भी कोरोना के आम लक्षणों में शामिल हो गए।

इन बड़े बदलावों को देखते हुए यूके की हेल्थ साइंस कंपनी ZOE ने किंग्स कॉलेज लंदन के साथ एक ऐप के जरिए कोरोना के नए लक्षणों को लेकर एक ऑनलाइन स्टडी शुरू की। अब तक 40 लाख से ज्यादा लोगों की भागीदारी के साथ यह दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन स्टडी है। तो आइए जानते हैं कि वैक्सीनेशन के लिहाज से हमारे आसपास मौजूद तीनों कैटेगरी के लोगों को अगर कोरोना हुआ तो उनमें कौन-कौन से आम लक्षण नजर आएंगे...

1.वैक्सीन की कोई डोज नहीं लगी तो भी सांस लेने में दिक्कत 30वें नंबर का लक्षण बना

वैक्सीन न लगवाने वाले लोगों में भी कोरोना के लक्षण बदल गए हैं। इस कैटेगरी के लोगों में अब सिर दर्द, गले में खराश, बहती नाक, बुखार और लगातार खांसी कोरोना के टॉप 5 लक्षण हैं, लेकिन सूंघने की क्षमता जाना अब 9वे नंबर का और सांस लेने में दिक्कत 30वें नंबर का लक्षण बन चुका है। जबकि सूंघने की क्षमता जाना टॉप 5 और सांस लेने में दिक्कत टॉप 10 लक्षणों में से एक थे।

2. वैक्सीन की एक डोज लगवाने वालों में गले खराश का लक्षण हल्का पड़ा

वैक्सीन की सिंगल डोज के बावजूद लगातार खांसी का लक्षण पांचवें नंबर पर है। बहती नाक और छींक आने जैसे लक्षण जो पहले कोरोना के प्राइमरी लक्षण नहीं माने गए थे, वो भी वैक्सीन की सिंगल डोज के बाद लोगों में नजर आए हैं।

3. दोनों डोज लगवा चुके लोगों में खांसी और बुखार के लक्षण नीचे खिसके

स्टडी के मुताबिक दोनों वैक्सीन लगवा चुके लोगों में सिर दर्द, गले में खराश, छींक आना, नाक बहना, लॉस ऑफ स्मेल टॉप 5 लक्षण हैं। जबकि लगातार खांसी का लक्षण 8वें नंबर, बुखार 12वें और सांस लेने में तकलीफ 29वें नंबर पर है। फुली वैक्सीनेटेड लोगों को अगर लगातार छींक आने लगे तो यह कोरोना हो सकता है। इसलिए वैक्सीनेटेड लोगों को लगातार छींक आने पर कोविड टेस्ट करवा लेना चाहिए।

वैक्सीनेटेड लोगों में गंभीर लक्षण नहीं

हालांकि रिसर्च का ताजा डेटा इस बात की भी पुष्टि करता है कि इन लोगों में आमतौर पर हल्के लक्षण होते हैं। इसलिए वैक्सीनेटेड लोगों में गंभीर संक्रमण का खतरा कम होता है।

बदलते लक्षणों का कारण डेल्टा वैरिएंट हो सकता है, जो यूके में अब तक 99% संक्रमणों के लिए जिम्मेदार है।

फुली वैक्सीनेटेड भी संक्रमित हो सकते हैं

रिपोर्ट के अनुसार, ऑनलाइन ऐप पर वैक्सीन लगवा चुके और बिना वैक्सीन वाले लोगों ने कोविड -19 के एक जैसे ही लक्षण बताए। हालांकि जिन लोगों को पहले से ही टीका लग चुका था, उन्होंने कम समय में हल्के सिंप्टम्स की सूचना दी। इसका मतलब साफ है कि अब वैक्सीन लगाए गए लोग भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं।

कोई लक्षण नजरअंदाज न करें, टेस्ट जरूर करवाएं

न्यूयॉर्क के बेल्यूव हॉस्पिटल सेंटर के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. सेलिन गाउंडर का स्पष्ट कहना है कि अगर आपने वैक्सीन लगवा ली है तो आप सुरक्षित हैं। भले ही आप पर वायरस अधिक प्रभाव नहीं दिखा पाएगा, लेकिन ऐसा होने पर आप उनके लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं जिन्हें डोज नहीं मिली। टीका लगवा चुके लोग वायरस के कैरियर बन सकते हैं। वे दूसरों को संक्रमित करने का प्रमुख कारण हो सकते हैं। इसलिए कोविड के हल्के लक्षण होने पर भी टेस्ट जरूर करवाएं।

बदलते लक्षण से युवा आबादी ज्यादा प्रभावित

एक्सपर्ट का कहना है कि कोविड के बदले हुए लक्षण से खासकर युवा आबादी के ज्यादा संक्रमित होने की आशंका है, इसलिए आपको सावधान रहना होगा। भले ही आप गंभीर रूप से बीमार महसूस न करें। मेंज यूनिवर्सिटी द्वारा हाल ही में किए गए गुटेनबर्ग कोविड-19 स्टडी से पता चला है कि कोरोना से संक्रमित सभी लोगों में से 40% से अधिक अपने कोविड संक्रमण से अनजान थे।

 

 

 

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