वॉकिंग, डांसिंग एंड ब्रेन हेल्थ पर हुई एक नई स्टडी के मुताबिक जो लोग रोजाना वॉक करते हैं, उनकी मेंटल हेल्थ ज्यादा अच्छी होती है। वॉकिंग करने वाले लोगों की मेमोरी तेज होती है और ब्रेन सेल्स की रिपेयरिंग भी काफी तेजी से होती है। इस स्टडी में पाया गया कि वॉक करने वाले लोगों में ब्रेन में सेल्स को कनेक्ट करने वाला व्हाइट मैटर पहले से ज्यादा मजबूत हो गया।
स्टडी में व्हाइट
मैटर का बारीकी से अध्ययन
फोर्ट कॉलिन्स के
कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी में न्यूरो साइंस एंड ह्यूमन डेवलपमेंट की प्रोफेसर
एग्निज्का बुर्जिनस्का और उनके सहयोगियों ने दिमाग में पाए जाने वाले व्हाइट मैटर
का बारीकी से अध्ययन किया। यह स्टडी जून में न्यूरो इमेज में ऑनलाइन पब्लिश हुई।
स्टडी में लगभग ऐसे 250 वृद्ध पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया गया जो फिजिकली
एक्टिव नहीं थे, लेकिन
फिर भी फिट थे। लैब में इन वॉलंटियर्स की वर्तमान एरोबिक फिटनेस और कॉग्निटिव
स्किल्स का परीक्षण किया गया। इसके अलावा एमआरआई ब्रेन स्कैन के जरिए उनके व्हाइट
मैटर की हेल्थ और फंक्शन को भी चेक किया गया।
वॉलंटियर्स को तीन
ग्रुप में बांटा गया
वॉलंटियर्स के एक ग्रुप को हफ्ते में तीन बार स्ट्रेचिंग और बैलेंस ट्रेनिंग के लिए कहा गया। दूसरे ग्रुप को सप्ताह में तीन दिन 40 मिनट ब्रिस्क वॉकिंग करने के लिए कहा गया। तीसरे ग्रुप को सप्ताह में तीन बार डांस करने के लिए कहा गया। सभी की ट्रेनिंग करीब 6 महीने तक चली। उसके बाद लैब में इन सभी के फिर से टेस्ट हुए।
ब्रिस्क वॉक करने वालों ने मेमोरी टेस्ट में भी बेहतर परफॉर्म कियासाइंटिस्ट्स ने
इनमें से कई वॉलंटियर्स के शरीर और दिमाग में बदलाव देखे। उम्मीद के मुताबिक वॉकर
और डांसर एरोबिकली काफी फिट नजर आए। ज्यादातर वॉक करने वाले वॉलंटियर्स में व्हाइट
मैटर रिन्यू होने लगा था। नए स्कैन में उनके दिमाग का एक हिस्सा थोड़ा बड़ा नजर आ
रहा था। वॉक करने वाले लोगों ने डांसर वॉलंटियर्स की तुलना में मेमोरी टेस्ट में
भी बेहतर परफॉर्म किया।
क्या है ब्रिस्क
वॉकिंग?
ब्रिस्क वॉक एक सरल
और सहज एक्सरसाइज है, जिसे किसी भी उम्र के व्यक्ति आसानी से कर सकते हैं। हालांकि ब्रिस्क वॉक अलग
इसलिए है,
क्योंकि इसमें तेजी से चलना होता है। आसान शब्दों में कहे
तो दौड़ने और पैदल चलने के बीच की मुद्रा को ब्रिस्क वॉक कहा जाता है। इसमें
व्यक्ति को न तो धीरे चलना होता है और न ही दौड़ना होता है। ब्रिस्क वॉक करने से दिमाग
में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ता है। इस कारण ब्रेन की कोशिकाओं में ऑक्सीजन और पोषक
तत्व पहुंचते हैं। नतीजा, दिमाग स्वस्थ रहता है।
इस तरह दिमाग पर असर करती है ब्रिस्क वॉकिंग
रिसर्चर्स के
मुताबिक जब आप ब्रिस्क वॉक करते हैं तो कुछ ही सेकेंड के भीतर दिमाग एक हार्मोन
रिलीज करने लगता है, जिससे नेचुरल तरीके से मूड फ्रेश हो जाता है।
एरोबिक एक्सरसाइज न
करने वालों की मेंटल हेल्थ कमजोर हुई
जिन लोगों ने एरोबिक एक्सरसाइज नहीं की, उनमें 6 महीने में व्हाइट मैटर की हेल्थ बिगड़ती हुई नजर आई। उनकी ब्रेन सेल्स में रिकवरी भी नहीं हुई, जिसकी वजह से उनकी मेमोरी में गिरावट दर्ज की गई।
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