ख़त्म हुई twitter की सिक्योरिटी, जानिए पूरा मामला..
सोशल media
का प्रभाव और प्रयोग दोनों ही भारत में चरम पर है. facebook हो या whattsapp
हर भारी तादात में इनका प्रयोग हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन
चुका है. और उसी के साथ उनका गलत प्रयोग भी. इसी दुरूपयोग को रोकने के लिए. सोशल media प्लेटफोर्म
पर केंद्र सरकार ने अपना शिकंजा कसने का आगाज़ किया. पर ट्विटर ने सरकार की गाइड
लाइन्स को कर दिया नज़र अंदाज़. और ये कदम
शायद ट्विटर को आने वाले समय में भारी पड़ सकता है. आइये आसान भाषा में समझते हैं
की क्या है पूरा मामला.
केंद्र सरकार के IT
नियमों की अनदेखी का परिणाम आज ट्विटर के सामने था.
गाजियाबाद में पुलिस ने ट्विटर इंडिया और 2 कांग्रेस नेता समेत 9 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज
की है। FIR मामले को सांप्रदायिक रंग देने के आरोप में दर्ज की गई है। आरोप है कि पुलिस
द्वारा मामला पूरी तरह से स्पष्ट किए जाने के बावजूद ट्विटर ने गलत ट्वीट को हटाने
के लिए कोई कदम नहीं उठाया.
नए IT
नियमों का पालन नहीं करना ट्विटर को भारी पड़ गया है। न्यूज
एजेंसी के मुताबिक,
भारत में अब ट्विटर ने कानूनी सुरक्षा का आधार गंवा दिया
है। सरकार की ओर से 25 मई से लागू हुए IT
नियमों को ट्विटर ने अब तक लागू नहीं किया है, जिसके
बाद उसके खिलाफ यह एक्शन लिया गया है। यानी ट्विटर पर भी अब IPC के तहत
मामले दर्ज हो सकेंगे और पुलिस पूछताछ भी कर सकेगी।
आइये समझे की क्या मतलब है ये लीगल प्रोटेक्शन हटाने का. दरअसल केंद्र सरकार की तरफ से सभी सोशल मीडिया
प्लेटफॉर्म को धारा 79 के तहत सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। ये प्रोटेक्शन ट्विटर
को भी मिली हुई थी। इसमें किसी आपराधिक गतिविधि के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का
इस्तेमाल किए जाने पर कंपनी की जिम्मेदारी नहीं होती थी और किसी भी केस में कंपनी
को पक्ष नहीं बनाया जा सकता था यानी अगर कोई ट्विटर यूजर कोई असंवैधानिक गैर कानूनी , साप्रदायिक या फेक घपर को
पोस्ट या शेयर करता है और उससे देश या जनता को किसी प्रकार का नुक्सान होता है या
होने की सम्भावना होती है तो अब. ट्विटर भी उस पोस्ट के लिए ज़िम्मेदार होगा. जैसा
की पहले नहीं था.
हालांकि ट्विटर ने मंगलवार को बताया कि उसने इन्फर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री की नई गाइडलाइन के मुताबिक अंतरिम मुख्य शिकायत अधिकारी अपॉइंट कर दिया है। इसकी डिटेल्स ट्विटर जल्द ही केंद्र सरकार के साथ साझा करेगा। ट्विटर ने ये कदम तब उठाया है, जब सरकार ने उसे गाइडलाइन का पालन करने का आखिरी मौका दिया था। सरकार ने अपने नोटिस में ट्विटर से कहा था कि अगर वो गाइडलाइन का पालन करने में नाकाम रहता है तो वह IT एक्ट के तहत जिम्मेदारी से मिलने वाली छूट को खो देगा।
बेशक ट्विटर की भारत में पकड़ और प्रयोग उतनी तादात में नहीं
है जितना youtube
और facebook
का है. पर उसकी बढती लोकप्रियता के चलते देखने वाली बात ये
होगी की आने वाले दिनों में ऊँट किस करवट बैठता है.
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