इस दिन के खास
महत्व समझने के लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस क्यों
और कब से मनाया जाता है. आज हम आपको योग और अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस दोनों के बारे
में बताने जा रहे हैं.
मान्यता के
अनुसार मानव सभ्यता की शुरुआत से ही योग किया जा रहा है. योग के विज्ञान की उत्पत्ति
हजारों साल पहले धर्मों या आस्था के जन्म लेने से भी काफी पहले हो गई थी. योग
विद्या के अनुसार शिव को पहले योगी या आदि योगी तथा पहले गुरू या आदि गुरू के रूप
में माना जाता है. योग एक संस्कृत शब्द है. ऋग्वेद में की गई इसकी व्याख्या के
अनुसार योग एक ऐसी शक्ति है जिससे हम अपने मन, मस्तिष्क और शरीर को एक सूत्र में पिरो सकते हैं .
21 जून को इस वजह से मनाते हैं योग दिवस
बता दें कि,
11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस या विश्व योग दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी.
इसके बाद साल 2015 से इस दिन को दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर
मनाया जाने लगा. 21 जून साल का सबसे लंबा दिन होता है और धरती पर सूर्य सबसे ज्यादा
समय तक रहता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर
मनाने के पीछे ये बड़ा कारण है. इसके अलावा भारत में 21 जून ग्रीष्मकालीन
संक्रांति का दिन भी होता है.
हर साल होती
है एक नई थीम
हर साल एक नई थीम पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन होता है. साल 2015 में इसकी थीम 'सद्भाव और शांति के लिए योग' थी. वहीं साल 2016 में इसकी थीम थी 'युवाओं को कनेक्ट करें'. इसके बाद 2017 में 'स्वास्थ्य के लिए योग' को इसकी थीम रखा गया था. साल 2018 में 'शांति के लिए योग' की थीम पर इसका आयोजन किया गया था. इसके बाद साल 2019 में योग के साथ पर्यावरण को कनेक्ट करते हुए इसकी थीम 'पर्यावरण के लिए योग' रखी गई थी. कोरोना महामारी के चलते पिछले साल 2020 में इसकी थीम 'सेहत के लिए योग - घर से योग' रखी गई थी. वहीं इस साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम 'स्वास्थ्य के लिए योग' (योग फ़ॉर वेलनेस) है.
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