आखिर किसने दी थी छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर में कटौती और फिर वापस लेने को मंजूरी..
वित्त मंत्री
ने 1
अप्रैल को सुबह-सुबह ट्वीट कर एक दिन पहले शाम को आए इस
फैसले को एक चूक बताया था. ऐसा माना गया कि यह फैसला चार राज्यों और एक केंद्र
शासित प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनावों में नुकसान पहुंचा सकता है. इस पर काफी राजनीतिक बयानबाजी भी हुई.
पिछले महीने
की पहली तारीख यानी 1 अप्रैल, 2021 को सुबह 7:54 बजे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने
छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती के फैसले को पलट दिया था.
यह अब तक किसी
फैसले के सबसे तेज रोलबैक जैसा था. इसके मुश्किल से 12 घंटे पहले 31 मार्च को
वित्त मंत्रालय ने यह ऐलान किया था कि पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
जैसी स्माल सेविंग्स
स्कीम्स यानी छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को घटा दिया गया है.
वित्त मंत्री
ने 1 अप्रैल को सुबह-सुबह ट्वीट कर एक दिन पहले शाम को आए इस फैसले को एक 'चूक' बताया था. वित्त मंत्री भले ही इसे एक 'चूक' बताएं, लेकिन ऐसी रिपोर्ट आईं कि ब्याज दरों में कटौती के फैसले का
पलटने का निर्णय सरकार में काफी उच्च स्तर पर हुआ. ऐसा माना गया कि यह फैसला चार
राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनावों में नुकसान पहुंचा
सकता है.
इस पर काफी
राजनीतिक बयानबाजी भी हुई. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इसे विधानसभा
चुनावों से प्रेरित फैसला बताया तो पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने निर्मला
सीतारमण के इस बयान को आधारहीन बताया कि यह 'भूलवश' हुआ है या एक चूक है. उन्होंने कहा कि छोटी बचत योजनाओं पर
ब्याज दरों की समीक्षा एक रूटीन वर्क है और इस पर काफी पहले से सोच-विचार होता है.
वित्त
मंत्रालय से मिला ये जवाब
आखिर ब्याज
दरों में कटौती का फैसला किसने लिया था? यह जानने के लिए इंडिया टुडे-आजतक ने वित्त मंत्रालय से
सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी. इसके जवाब में वित्त मंत्रालय के आर्थिक
मामलों के विभाग ने कहा, 'छोटी बचतों पर ब्याज दरों की तिमाही समीक्षा की फाइल माननीय
वित्त मंत्री ने मंजूर की थी.’
आखिर इस फैसले
को फिर वापस लेने का निर्णय किसका था, इस सवाल के जवाब में मंत्रालय ने कहा,
'छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज
दर के फैसले को वापस लेने के निर्णय को माननीय वित्त मंत्री ने मंजूर किया था.'
इसका मतलब यह
है कि ब्याज दरों में कटौती का निर्णय और फिर 12 घंटे के भीतर इस फैसले का वापस
लेने का निर्णय, दोनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खुद लिया था.
क्या प्रधानमंत्री से सलाह ली गई?
क्या इस बारे
में प्रधानमंत्री से कोई सलाह ली गई या उनको जानकारी दी गई? आरटीआई के तहत पूछे गए इस सवाल का जवाब नहीं मिला.
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