कोरोना वैक्सीन: नयी वैक्सीन से जगी
सबकी उम्मीदें....
डॉ. कांग का कहना है कि दुनिया के बाकी
देश पिछले एक साल से जोखिम लेकर वैक्सीन खरीदने में जुटे हुए थे,
लेकिन हमारी सरकार ने कुछ नहीं किया। ऐसे में अब हमारे पास सीमित
विकल्प ही बचे हैं।
सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की मेंबर हैं डॉ.
कांग
डॉ. कांग सुप्रीम कोर्ट की ओर से मेडिकल
ऑक्सीजन पर गठित कमेटी की सदस्य भी हैं। उन्होंने कहा कि भारत जायडस कैडिला,
बायोलॉजिकल-ई जैसी कंपनियों के पास जा सकता है, जिनकी वैक्सीन साल के अंत तक आने वाली है। वह उनसे कह सकते हैं कि अपने
उत्पादन में तेजी लाओ। ज्यादा वैक्सीन प्रोडक्शन करो। अगर आपके ट्रायल सफल रहे,
तो हम सारी वैक्सीन खरीद लेंगे।
ग्लोबल टेंडर के बीच आया बयान
डॉ. कांग का बयान ऐसे वक्त सामने आया है,
जब कई राज्यों ने वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किए हैं। केंद्र
सरकार ने राज्यों को ग्लोबल टेंडर जारी कर सीधे विदेश से वैक्सीन ऑर्डर करने के
लिए कहा है। उत्तर प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र,
दिल्ली समेत कई राज्यों ने इसके लिए ग्लोबल टेंडर जारी किए हैं।
जोखिम उठाकर इनोवेशन में भी निवेश करना
सही: डॉ. कांग
डॉ. कांग ने कहा,
'मेरा मानना है कि ट्रायल मोड में ही निवेश करने से नुकसान का खतरा
बना रहता है, लेकिन हमें जोखिम उठाकर ऐसा करना चाहिए। यदि हम
ऐसा करते हैं, तो यह हमें भविष्य के लिए भी अच्छी तरह से
तैयार करता है। आगे चलकर हम एक मिसाल कायम कर सकते हैं। हम इससे दुनिया को बता
पाएंगे कि हम शोध और इनोवेशन में भी निवेश करने के लिए तैयार हैं।
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