अब आपका चेहरा ही बनेगा आपका बोर्डिंग पास, एयरपोर्ट पर आने वाला है बड़ा बदलाव..
सोचिये! आप एयरपोर्ट गए हैं और वहां पर आप अपना बोर्डिंग पास ले जाना भूल गए हों और उस में सोने पर सुहागा हो आप अपना आईडी प्रूफ भी भूल जाएं तो क्या होगा? आप एयरपोर्ट से वापस भेज दिए जायेंगे, लेकिन अब घबराने की कोई बात नहीं है बहुत जल्द ऐसा हो सकता है कि आप एयरपोर्ट पर जाएं तो आपको अपना बोर्डिंग पास न दिखाना पड़े और न ही किसी आईडी प्रूफ की जरूरत पड़े। एयरपोर्ट पर एंट्री से लेकर बोर्डिंग तक के दौरान आपका चेहरा ही आपके लिए बोर्डिंग पास और आईडी प्रूफ का काम करेगा। दरअसल, एविएशन मिनिस्ट्री की नई योजना के तहत देश के एयरपोर्ट्स पर फेशियल रिकग्निशन तकनीक शुरू करने की तैयारी चल रही है। दावा किया जा रहा है कि ‘डिजी यात्रा’ नाम की इस योजना के शुरू होने के बाद एयरपोर्ट का सिक्योरिटी सिस्टम भी स्ट्रॉन्ग होगा। कोलकाता एयरपोर्ट ने हाल ही में ऐलान किया है कि वो इस सिस्टम का ट्रायल जल्द शुरू करेगा। फेशियल रिकग्निशन कब से और कहां शुरू हो रहा है? ये होता क्या है और काम कैसे करता है? डिजी यात्रा योजना क्या है? नया सिस्टम लागू होने के बाद आम यात्री के लिए क्या बदलेगा और एयरपोर्ट पर क्या बदलाव होंगे? आइये जानते हैं...
एयरपोर्ट्स पर
फेशियल रिकग्निशन कब और कहां शुरू होगा?
इसी साल मार्च
में सरकार ने लोकसभा में बताया था कि साल के अंत तक एयरपोर्ट्स पर फेशियल रिकग्निशन
शुरू हो जाएगा। पहले चरण में कोलकाता, वाराणसी, पुणे, विजयवाड़ा, बेंगलुरु और हैदराबाद में ये सुविधा शुरू होगी। फिलहाल,
अभी इस तकनीक का ट्रायल देश के अलग-अलग एयरपोर्ट पर चल रहा
है। दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 पर 6 सितंबर 2020 को इस योजना का ट्रायल किया
गया था। बेंगलुरु और मुंबई एयरपोर्ट पर इस योजना पर पहले से काम चल रहा है।
हैदराबाद एयरपोर्ट पर भी जुलाई 2019 में इसका ट्रायल किया जा चुका है। कोलकाता
एयरपोर्ट पर भी बहुत जल्द इस तकनीक का ट्रायल शुरू होने जा रहा है।
सरकार ने
लोकसभा में इस तकनीक के फायदे बताते हुए कहा कि इससे एयरपोर्ट पर यात्रियों के
एंट्रेंस से लेकर बोर्डिंग गेट तक की प्रोसेसिंग पेपर-लेस हो जाएगी। इससे
यात्रियों का समय भी बचेगा। इसके साथ ही एयरपोर्ट के पास भी यात्रियों की रियल
टाइम इन्फॉर्मेशन होगी। इसके साथ ही सिक्युरिटी भी बेहतर होगी। ये तकनीक सरकार की
डिजी यात्रा योजना का एक हिस्सा है।
ये डिजी
यात्रा योजना क्या है?
डिजी यात्रा
योजना हवाई यात्रा को आसान और पेपर-लेस बनाने की योजना है। डिजी यात्रा के तहत
हवाई अड्डों पर उच्च तकनीक वाले बॉडी स्कैनर, फेशियल रिकग्निशन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे
यात्री कम समय में सुरक्षा जांच के कई स्तरों से गुजर सकेंगे। इसमें यात्रियों का
एक सेंट्रलाइज सिस्टम के जरिए रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। रजिस्ट्रेशन के बाद उन्हें
एक डिजी यात्रा आईडी दी जाएगी। एक बार रजिस्ट्रेशन हो जाने के बाद आपका डेटा इस
सिस्टम में स्टोर हो जाएगा। इसके बाद आप जब भी टिकट बुक कराएंगे,
उस समय आपको इसी आईडी का इस्तेमाल करना होगा।
फेशियल
रिकग्निशन तकनीक है क्या?
फेशियल
रिकग्निशन का सीधा-सीधा मतलब किसी व्यक्ति की पहचान उसके चेहरे से करना। फोटो,
वीडियो या रियल टाइम में लोगों की पहचान करने के लिए फेशियल
रिकग्निशन तकनीक का सहारा लिया जाता है।
इस तकनीक
द्वारा किसी व्यक्ति के फोटो को उसके चेहरे के फीचर्स के हिसाब से डिजिटल डेटाबेस
में बदला जाता है। इसके लिए आपके चेहरे की ज्यामिति का विश्लेषण किया जाता है। इस
डिजिटल डेटा को फेसप्रिंट कहा जाता है। जैसे हर व्यक्ति की फिंगरप्रिंट अलग होती
है,
ठीक वैसे ही सबका फेसप्रिंट भी अलग-अलग होता है। इसी
फेसप्रिंट का प्रयोग संबंधित व्यक्ति की पहचान करने के लिए किया जाता है।
एयरपोर्ट पर
ये तकनीक कैसे काम करेगी?
दुबई के
एयरपोर्ट पर इस तकनीक का इस्तेमाल शुरू हो चुका है। जिन यात्रियों ने इसमें
रजिस्ट्रेशन करा लिया है, उन्हें एयरपोर्ट के अलग-अलग गेट पर डॉक्युमेंट्स नहीं
दिखाने पड़ते। उन्हें अलग-अलग गेट पर लगे कैमरे की ओर सिर्फ पांच मिनट देखना होता
है और इसके बाद वो आगे बढ़ सकते हैं। इस तकनीक के बाद इमीग्रेशन की प्रोसेस तेज हो
गई है।
कोरोना के दौर
में चेहरे पर मास्क होने के बाद भी क्या ये तकनीक काम करेगी?
दुबई में इस
तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। यहां जो लोग फेशियल रिकग्निशन का ऑप्शन ऑप्ट करते
हैं,
उनसे कैमरे की ओर देखते वक्त मास्क और चश्मा हटाने को कहा
जाता है। अभी तक ये तकनीक ऐसी नहीं है कि मास्क के साथ भी चेहरे को रीड कर सके।
हालांकि टेक एक्सपर्ट्स इस पर काम कर रहे हैं।
यात्रा करने के बाद आपके डेटा का क्या होगा?
डिजिटलाइजेशन के बाद यूजर प्राइवेसी को लेकर आए दिन खबरें सुर्खियों में रहती हैं। डेटा की निजता को लेकर डिजी यात्रा नीति में स्पष्ट निर्देश हैं। यात्रियों का डेटा टेकऑफ के 1 घंटे बाद या यात्रा पूरी होते ही सिस्टम से डिलीट कर दिया जाएगा। हालांकि इसे लेकर अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि रजिस्ट्रेशन कराने वालों की फोटो कैसे स्टोर की जाएगी। हां, एक सहूलियत जरूर है कि ये ऑप्शन ऑप्शनल होगा। आप चाहें तो इसे ऑप्ट करिये, चाहें तो न करिए।
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