देश में पहली बार सस्ता खाना देने का नया मॉडल
दिल्ली नगर निगम फ्री में देगा जमीन; बदले में दोपहर 3 बजे तक गरीबों को सस्ते दाम पर खाना खिलाएगा होटल मालिक, इसके बाद कमा सकता है मुनाफा
गरीबों को सस्ता खाना उपलब्ध कराने की योजनाएं पूरे देश में जहां-तहां सरकारी मदद से चलती हैं, लेकिन थोड़े दिनों बाद यह दम तोड़ देती हैं, लेकिन इस बार दिल्ली नगर निगम ने गरीबों को सस्ता खाना मुहैया कराने के लिए एक नया मॉडल तैयार किया है। निगम का दावा है कि यह मॉडल इस तरह का है कि इससे गरीबों को सस्ता खाना भी मिलेगा और सरकार पर पैसों का बोझ भी नहीं पड़ेगा।
भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम में इस समय शहरी गरीबों को सस्ता खाना देने की अटल आहार योजना को एक बार फिर जीवित करने की कवायद चल रही है। जिसके लिए नए तरीके पर काम किया जा रहा है। दक्षिणी दिल्ली में लाभकारी परियोजना विभाग के उपायुक्त प्रेम शंकर झा ने बताया कि इस बार निगम ने एक्सपर्ट की मदद से इस योजना के लिए 'सस्टेनेबल मॉडल' तैयार किया है।
क्या है नगर निगम का मॉडल?
गरीबों को सस्ते में खाना खिलाने के लिए अटल आहार योजना के तहत तैयार होने वाली किचन के लिए निगम सिर्फ जगह और लाइसेंस मुहैया करवाएगा। बाकी का खर्चा वह बिजनेसमैन करेगा जो किचन का ठेका लेगा। किचन के लिए टेंडर खोले जाएंगे। अब सवाल उठता है कि टेंडर लेने वाला कोई शख्स घाटा उठाकर गरीबों को सस्ता खाना क्यों बेचेगा? इस सवाल के जवाब में निगम का कहना है कि गरीबों के लिए सुबह का नाश्ता 11 बजे तक और दोपहर का खाना 3 बजे तक मिलेगा। दोपहर 3 बजे के बाद किचन चलाने वाला बिजनेसमैन अपनी दुकान को कॉमर्शियल दुकान में बदल सकेगा। वह अपने यहां बेकरी के सामान बेच सकता है, रेस्त्रां चला सकता है। किचन में कॉमर्शियल एड लगा सकता है। इन सबसे वह गरीबों को सस्ते में खाना खिलाने में हुए नुकसान की भरपाई के साथ खुद का मुनाफा भी कमा सकता है।
इस स्कीम में ब्रेकफास्ट 10 रु. में और दोपहर का खाना 15 रु. का रखा गया है। ब्रेकफास्ट में 5 पूरी या दो भरवा पराठे, सब्जी और अचार मिलेगा। दोपहर के खाने में 4 रोटी या दो पराठे, चावल, दाल, सब्जी, रायता और सलाद। इसके अलावा हफ्ते में एक बार इडली, वड़ा जैसी रेसिपी भी होंगी। शुरुआत में दक्षिणी दिल्ली के चारों जोन में 10-10 अटल किचन की शुरुआत की जाएगी। इसके बाद पूरी दिल्ली में यह योजना लागू होगी।
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