....दिल दहला देगी ये खबर ....
ये कहानी किसी फ़िल्मी कहानी से कम नहीं हैं, जहाँ एक आदमी ने अपने ही
घर में माँ-बाप बहन को दफना दिया. इसी दौरान घर में आग लगती है और दमकलकर्मी आग
बुझाने पहुँचते हैं लेकिन वो तब चौंक जाते हैं जब आग बुझाने के दौरान घर के किचन
के अलमारी में रखा इंसानी कंकाल की खोपड़ी मिलती है. आनन फानन में पुलिस को बुलाया जाता
है और मामले की तह ताका जाया जाता है. पुलिस ने जब गहराई से छानबीन की तो पता चला
कि घर में तो अघोषित रूप से कब्रिस्तान ही बना हुआ है, जिसमें
एक के बाद एक कम से कम तीन लाशें तो दफन किए जाने की अभी तक प्रबल आशंका है.
फिलहाल दमकल वाले तो आग बुझाकर चले गए, मगर पुलिस अब घर में
मिले इस कब्रिस्तान और उसमें दफन लोगों की पड़ताल में जुटी है.
घटना का खुलासा शुक्रवार को हुआ, जिस घर में यह सब तमाशा देखने को
मिला वो राजेंद्र भाटिया नाम के शख्स का बताया जाता है, जोकि
मानसिक रूप से कमजोर बताए जा रहे हैं. घटना की पुष्टि अबोहर (पंजाब) थाना नंबर-2
प्रभारी बलजीत सिंह भी करते हैं. उनके मुताबिक, तथ्य बेहद
पेचीदे हैं. गुत्थी बुरी तरह उलझाी हुई है. जांच कर रहे हैं. जांच पूरी होने के
बाद ही कुछ कह पाना संभव होगा. पुलिस के मुताबिक राजेंद्र भाटिया अबोहर सिद्धू नगर
की गली नंबर-4 में रहता है. उसके घर में शुक्रवार को दिन के वक्त अचानक आग लग गई.
सूचना पर दमकल कर्मी मौके पर पहुंच गए. दमकल के जवान जब आग बुझाने की कोशिश करते
हुए किचिन में पहुंचे तो उन्हें वहां, अलमारी में एक इंसानी
खोपड़ी रखी दिखाई दी. खोपड़ी शराब की खाली बोतलों के बीच में रखी हुई थी.
मां, पिता और बहन को कब्र में दफनाया
दमकलकर्मियों ने घर के अंदर का जो हाल देखा वो डराने वाला था. घर के
अंदर के हालात जंगलात वाले थे. कई हिस्सों में बड़े-बड़े झाड़-झंकाड़ उग आए थे.
अंदर का वातावरण बेहद डराने वाला था. पूरे मकान में जाला और मकड़ियों की भीड़ थी.
लग रहा था कि कई वर्ष से घर के भीतर झाड़ू तक नहीं लगाई गई होगी. ऐसे मकान में भी
राजिंद्र भाटिया अकेले ही रह रहे थे. रसोई घर में इंसानी खोपड़ी रखी मिलने की खबर
से आसपास को लोग भी तमाशबीन बनकर दरवाजे पर पहुंच गए. लोगों ने मौके पर पहुंची
पुलिस और दमकलकर्मियों को जो बताया वो चौंकाने और डराने वाला था.
पता चला कि राजेंद्र भाटिया के साथ उनकी मां, पिता और
बहन भी रहते थे, जोकि लंबे समय से घर से बाहर निकलते कभी
किसी ने नहीं देखे हैं. पुलिस ने जब राजेंद्र भाटिया से पूछा तो उसने बताया कि
तीनों की मौत हो चुकी है. जब मां की डैथ हुई तो उसने घर में ही कब्र खोदकर उन्हें
दफना दिया. उसके बाद जब पिता की डैथ हुई तो मां का कंकाल निकाल कर उसी कब्र में
पिता को दफन कर दिया. उसके बाद बहन की भी अचानक एक दिन मौत हो गई. लिहाजा कब्र में
से उसने पिता के कंकाल को निकाल लिया. उसकी जगह उसी कब्र में बहन को भी दफन कर
दिया. मतलब एक घर में एक ही कब्र में बारी बारी से तीन-तीन लाशें कफन-दफन कर दी
गईं और आसपास के लोगों को कुछ पता नहीं चला.
पुलिस ने कंकाल को कब्जे में लेकर जांच के लिए भेजा
फिलहाल चूंकि राजेंद्र भाटिया की मानसिक हालत कमजोर है इसलिए पुलिस
ने मौके से मिले कंकाल को कब्जे में लेकर जांच के लिए भेज दिया है. पुलिस को
राजेंद्र भाटिया से और बहुत ज्यादा कुछ जानकारी मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही
है. पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि आखिर कब्र में लाशें तीन ही थीं या फिर और
भी लाश यहां दफन की गईं है.
पुलिस वैज्ञानिक और विधि विज्ञान की मदद से तथ्य जुटाने में जुटी है.
थाना नंबर-2 अबोहर पुलिस की मानें तो, राजेंद्र भाटिया ने बताया कि उसके
पिता की सिर का कंकाल मकान के प्रथम तल पर मौजूद कमरे में रखा है. दमकल कर्मी और
पुलिस ने वहां जाकर देखा तो राख मिली. यह राख उसी सिर के कंकाल की थी. इसे भी सील
करके पुलिस ने जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेज दिया है. पुलिस इस मामले
में तह तक पहुंचने के लिए राजेंद्र भाटिया के रिश्तेदारों की भी तलाश में जुट गयी
है. ताकि हकीकत का पता चल सके.
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