पश्चिम
बंगाल और असम की 69 सीटों पर गुरुवार को दूसरे फेज के चुनाव के लिए वोटिंग जारी
है। चुनाव आयोग के मुताबिक, दोपहर 3:10 बजे तक बंगाल में 60.97% और असम
में 57.89% मतदान हो चुका है। इस बीच बंगाल की हॉट सीट नंदीग्राम के एक पोलिंग बूथ
पर जमकर हंगामा हो रहा है। यहां पर TMC कार्यकर्ताओं का आरोप है कि उन्हें मतदान
नहीं करने दिया जा रहा है।
इसके बाद
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व्हील चेयर पर वहां पहुंचीं और आम लोगों से बात की। ममता
ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार से आए लोग माहौल खराब कर रहें हैं। बाहरी गुंडे
वोटिंग प्रभावित कर रहे हैं। चुनाव आयोग (EC) से कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने मामले में दखल देने
के लिए राज्यपाल से भी बात की और केंद्रीय बलों की शिकायत की। उन्होंने कहा कि अगर
चुनाव आयोग ने कार्रवाई नहीं की तो कोर्ट जाऊंगी।
वहीं,
नंदीग्राम के कमलपुर के पास में भाजपा उम्मीदवार शुभेंदु
अधिकारी के काफिले पर हमला हुआ। हमले में मीडिया की गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है।
शुभेंदु ने आरोप लगाया कि यह पाकिस्तानियों का काम है। जय बंगला बांग्लादेश का
नारा है। उस बूथ पर एक विशेष समुदाय के मतदाता हैं जो ऐसा कर रहे हैं।
BJP-TMC ने लगाया बूथ कैप्चरिंग के आरोप
तृणमूल कांग्रेस के
राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर नंदीग्राम विधानसभा
क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगाया। उन्होंने
लिखा कि भाजपा कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ बूथों में घुस गई। भाजपा कार्यकर्ता EVM
में घालमेल करने और बूथ में धांधली करने का प्रयास कर रहे
हैं। वहीं, भाजपा
ने भी कई जगह इसी तरह के आरोप तृणमूल कार्यकर्ताओं पर लगाए हैं।
TMC भाजपा के पोलिंग एजेंट की पिटाई का आरोप
इस बीच पश्चिम
मेदिनीपुर केशपुर में बूथ संख्या 173 पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर भाजपा के पोलिंग
एजेंट की पिटाई का आरोप लगाया जा रहा है। पोलिंग एजेंट को अस्पताल ले जाया गया है।
भाजपा नेता तन्मय घोष की कार में तोड़फोड़ करने की भी खबर है। इससे पहले डेबरा विधानसभा
सीट से भाजपा उम्मीदवार भारती घोष ने TMC पर पोलिंग एजेंट को बंधक बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा
कि नवापारा में बूथ नंबर 22, अंचल-1 में उनके पोलिंग एजेंट को तृणमूल के 150 गुंडों ने घेर रखा है। उसे पोलिंग बूथ के अंदर नहीं जाने
दिया गया। उन्होंने कहा कि बरुनिया में वोटर्स को डराया जा रहा है। उन्हें TMC
का चुनाव चिन्ह दिखाकर वोट देने के लिए मजबूर किया जा रहा
है।
नंदीग्राम में
ममता-शुभेंदु की साख दांव पर
बंगाल चुनाव की सबसे
चर्चित नंदीग्राम सीट पर भी मतदान हो रहा है। इस सीट पर लड़ाई CM
ममता बनर्जी और पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी के बीच है।
चुनाव प्रचार शुरू होने से लेकर अब तक ये सीट सबसे ज्यादा फोकस में रही है। ममता
के लिए ये सीट उनके आत्मसम्मान का मुद्दा है तो शुभेंदु अधिकारी ने ममता को 50
हजार वोटों से हराने का दावा किया है। शुभेंदु कह चुके हैं
कि यदि ममता को नहीं हरा पाए तो राजनीति छोड़ देंगे। उन्होंने पिछले साल दिसंबर में
TMC
छोड़कर BJP का हाथ थामा था। हाईप्रोफाइल सीट होने के कारण नंदीग्राम
में हिंसा होने की संभावना भी ज्यादा है, इसलिए यहां धारा 144 लगा दी गई है।
अपडेट्स
डेबरा के एक मतदान
केंद्र के पास जमकर हंगामा हुआ। मौके पर भारी संख्या में सुरक्षाबल मौजूद है। एक
मतदाता ने बताया कि बाहर से जो पार्टी आई है, वो लोग अपने गुंडे को लेकर आए हैं। वो लोग यहां आकर झगड़ा
कर रहे हैं। हम लोग तो यहां के वोटर है, हम लोग यहां अशांति क्यों करेंगे। इसके बाद पुलिस ने डेबरा
के बीजेपी मंडल अध्यक्ष मोहन सिंह को हिरासत में लिया।
नंदीग्राम सीट से
भाजपा उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी ने वोट डाला। वोट डालने के बाद उन्होंने कहा कि
भाजपा और विकास की जीत होगी। पूरे बंगाल में परिवर्तन की लहर चल रही है। ममता
बनर्जी की सरकार ने इतनी बेरोजगारी की, इसके खिलाफ मतदान हो रहे हैं। 80-85% मतदान होना चाहिए और हिंसा नहीं होनी चाहिए।
खड़गपुर सदर से
भाजपा उम्मीदवार हिरन चटर्जी ने कहा कि लोग बंगाल में परिवर्तन चाहते हैं। खड़गपुर
सदर जो 100 साल पीछे चला गया है, उसे वापस लाना है। इसलिए मैं लोगों की तरफ से लड़ रहा हूं।
लोगों पर जो 70
साल से अत्याचार हुआ है, उन पर शासन किया गया, लूटा गया इन सब से यहां के लोग मुक्त होना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने बांग्ला में ट्वीट करके लोगों से अधिक से अधिक संख्या में मतदान
करने की अपील की है। पश्चिम बंगाल में दक्षिण 24 परगना में भाजपा-तृणमृल कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की खबर
है।
बंगाल चुनाव में
नंदीग्राम की अहमियत क्या है?
बंगाल में राजनीति
का सबसे बड़ा अखाड़ा बन चुका नंदीग्राम एक छोटा सा उनींदा कस्बा है। यहां पहुंचते
ही डामर की सड़क के दोनों तरफ कच्ची-पक्की दुकानें नजर आती हैं,
लेकिन चुनावी माहौल का रंग यहां बाकी बंगाल से गहरा नजर आता
है। थोड़ी ही देर में यह एहसास होने लगता है कि यहां से राज्य की मुख्यमंत्री ममता
बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं।
दरअसल,
नंदीग्राम बंगाल की राजनीति में बदलाव का प्रतीक है। इसका
इतिहास क्रांतिकारियों से जुड़ा है। आधुनिक भारत का यही एकमात्र इलाका है,
जिसे दो बार आजादी मिली है। 1947 से पहले, यहां के लोगों ने इस इलाके को अंग्रेजों से कुछ दिनों के
लिए मुक्त करा लिया था। बदलाव का प्रतीक इसलिए क्योंकि एक दशक पहले ममता बनर्जी
नंदीग्राम के बल पर ही सत्ता हासिल करने में कामयाब रही थीं।
ममता और शुभेंदु के
लिए नंदीग्राम में क्या दांव पर है?
वरिष्ठ पत्रकार
शुभाशीष मोइत्रा कहते हैं, 'बंगाल की राजनीति में पहले मोदी वर्सेज ममता टाॅप पर था,
लेकिन ममता के नंदीग्राम से लड़ने के ऐलान के बाद सियासी
लड़ाई ममता वर्सेज शुभेंदु की तरफ शिफ्ट हो गई। ममता खुद भी चाहती थीं कि ऐसा हो
ताकि वे अपने मां, माटी और मानुष के नारे को खाद-पानी दे सकें।'
दूसरी तरफ शुभेंदु
अधिकारी नंदीग्राम से विधायक हैं। पूर्व मेदिनीपुर उनका अपना गढ़ रहा है। वे ममता
को यहां से हराने का ऐलान कर चुके हैं। सीनियर जर्नलिस्ट शुभाशीष मोइत्रा कहते हैं,
'अगर शुभेंदु यहां से जीत दर्ज
करते हैं तो भाजपा को पर्याप्त सीटें मिलने की स्थिति में वे बंगाल के मुख्यमंत्री
भी हो सकते हैं।'
सीनियर जर्नलिस्ट
शिखा मुखर्जी कहती हैं, 'निश्चित रूप से ममता बनर्जी का ये मास्टरस्ट्रोक है। BJP
के पास बंगाल में अपना कोई मजबूत चेहरा नहीं है। वह शुभेंदु
के सहारे ही इलेक्शन कैंपेन में ताकत झोंक रही है। वहीं TMC
की कोशिश ये थी कि शुभेंदु को नंदीग्राम में ही रोक लिया
जाए। इसमें वो बहुत हद तक कामयाब भी दिख रही है।'
वरिष्ठ पत्रकार
प्रभाकर मणि तिवारी कहते हैं, 'ममता CM हैं, इसलिए उन्हें थोड़ा फायदा तो मिलेगा, लेकिन नंदीग्राम में शुभेंदु की भी जमीनी पकड़ कम नहीं है।
यदि ममता नंदीग्राम हारती हैं तो समझिए वे बंगाल हार रही हैं।'
नंदीग्राम में CCTV
लगाए,
वेबकास्टिंग भी
बंगाल में आज 30
सीटों पर वोटिंग हो रही है। इसमें दक्षिण 24
परगना की 4, बांकुरा की 8, पूर्वी मेदिनीपुर 9, पश्चिम मेदिनीपुर की 9 सीटें हैं। 30 सीटों के लिए 171 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें 152
पुरुष और 19 महिलाएं हैं। 3,210 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं, जिनमें से 1,937 जिलों में हैं। चार विधानसभाओं में सुरक्षाकर्मियों की 800
कंपनियां तैनात की गई हैं। इसमें से 22
कंपनी अकेले नंदीग्राम में हैं। संवेदनशील बूथ पर 2
सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे। चुनाव को पारदर्शी बनाने के लिए
नंदीग्राम के पोलिंग बूथ पर CCTV लगाए गए हैं। यहां चुनावों की वीडियोग्राफी और वेबकास्टिंग
भी हो रही है।
डेबरा सीट पर दो IPS
आमने-सामने
नंदीग्राम के बाद
पश्चिम बंगाल की डेबरा सीट भी हाईप्रोफाइल है। इस सीट पर दो IPS
अधिकारी आमने-सामने हैं। BJP ने यहां से पूर्व IPS भारती घोष को टिकट दिया है। TMC ने भी पूर्व IPS हुमायूं कबीर को मैदान में उतारा है। बंगाल में 294
सीट हैं, जिसमें से 30 सीटों पर पहले फेज में चुनाव हो चुके हैं। आज दूसरे फेज में
30
सीटों पर चुनाव हैं।
असम में BJP
से टिकट न मिलने पर
निर्दलीय लड़ रहे पूर्व डिप्टी स्पीकर
असम की 39
सीटों पर गुरुवार को वोटिंग हो रही है। इन सीटों पर 345
प्रत्याशी मैदान में हैं। दूसरे फेज में 4
मंत्री और डिप्टी स्पीकर भी चुनाव लड़ रहे हैं। धोलाई सीट से
मंत्री परिमल सुकलाबैद्य BJP के टिकट पर सातवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं। रंगिया से भाबेश
कलिता,
जगीरोड से पीजूष हजारिका और सोनाई सीट से अमीनुल हक लश्कर
(डिप्टी स्पीकर) चुनाव लड़ रहे हैं। BJP से टिकट न मिलने पर पूर्व डिप्टी स्पीकर दिलीप कुमार पॉल
सिलचर से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
असम में आज वोट
डालेंगे 73,44,631 मतदाता
पूर्व मंत्री गौतम
राय कांग्रेस के टिकट से कटीगोरा से चुनाव लड़ रहे हैं। राज्यसभा सांसद बिस्वजीत
दैमारी पानेरी से और असम साहित्य सभा के अध्यक्ष परमानंद राजबोंगशी सिपाझर से
चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक असम की 39 सीटों पर 73,44,631 वोटर्स मतदान करेंगे। इसमें 37,34,537 पुरुष, 36,09,959 महिलाएं और 135 वोटर ट्रांसजेंडर हैं। सबसे ज्यादा मतदाता होजाई सीट में
हैं। यहां 2,65,886
मतदाता और 373
पोलिंग स्टेशन हैं।
बांग्लादेश की सरहद
से लगीं सीटों पर भी चुनाव
दूसरे फेज की 39
में से 15 सीटें बराक वैली की हैं। 2016 चुनाव में BJP ने इनमें से 8 सीटें जीती थीं। इनमें से 6 चहर जिले और 2 करीमगंज की थीं। ये सीटें इसलिए भी खास हैं कि क्योंकि इनसे
बांग्लादेश की सीमा लगती है। 2016 चुनाव में BJP गठबंधन ने 126 में से 86 सीट जीतकर असम में सरकार बनाई थी। उन्होंने 15
साल से शासन कर रही तरुण गोगोई सरकार को उखाड़ फेंका था।
इससे पहले 47 सीटों
पर पहले फेज में चुनाव हो चुके हैं।
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