दांतों की भी होती है जुबान, समझो तो इसके इशारे...

दांत, जुबान, मसूड़े और इनके आसपास का हिस्से में कई बार दिक्कत होने पर इन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है। एक्सपर्ट कहते हैं, ये दिक्कतें कई बड़ी बीमारियों का इशारा करती है। इन लक्षणों को समझना जरूरी है। जैसे- जुबान का अधिक लाल होना आयरन की कमी को बताता है और दांतों का घिसकर चपटा हो जाना बताता है कि इंसान तनाव से जूझ रहा है।

कॉस्मेटिक डेंटिस्ट डॉ. हेना किंसेला और डॉ. कैमिला अलीमोवा बता रही हैं, कौन से लक्षण किस बीमारी का इशारा करते हैं और ऐसा होता क्यों है?

तनाव का असर दांतों पर भी पड़ता है। दांतों का घिसना तनाव और बेचैनी से जुड़ा है। ऐसी स्थिति में डेंटिस्ट माउथगार्ड लगाकर दांतों में हुए डैमेज हो रिपेयर करते हैं। बोटॉक्स इंजेक्शन भी दांतों को घिसने से रोकने में मदद करते हैं।

मुंह में होने वाले सफेद चकत्ते आमतौर पर नुकसान तो नहीं पहुंचाते लेकिन ऐसा होना एचआईवी और कैंसर का इशारा हो सकता है। ऐसी स्थिति में बायोप्सी कराकर पुष्टि की जा सकती है कि कैंसर है या नहीं। सफेद पैच के साथ अगर कोई इंसान ल्यूकीमिया (ब्लड कैंसर) से जूझ रहा है तो मुंह के कैंसर का खतरा रहता है।

जिन मरीजों को बार-बार उल्टियां आती हैं उनके दांतों में सेंसटिविटी का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बार-बार उल्टियां होने पर पेट से निकलने वाला एसिड दांतों पर लम्बे समय तक जमा रहता है। यह एसिड दांतों की ऊपरी लेयर यानी इनेमल को डैमेज करता है। इसलिए दांत सेंसेटिव हो जाते हैं।

कॉस्मेटिक डेंटिस्ट डॉ. कैमिला कहती हैं, मुंह का कैंसर तब होता है जब ट्यूमर मुंह में विकसित हो जाता है। ऐसी स्थिति में दर्द देने वाले अल्सर या गांठ बनी रहती है। इसलिए ऐसा दिखने पर अलर्ट हो जाएं।

एनीमिया होने पर जुबान गहरी लाल पड़ जाती है और इसमें सूजन आ जाती है। आयरन की कमी जितनी अधिक होती है सूजन बढ़ती जाती है। इसके अलावा जुबान का टेक्सचर भी बदल जाता है। जुबान पर कई तरह क्रैक भी दिखते हैं।

कॉस्मेटिक डेंटिस्ट डॉ. हेना किनसेला कहती हैं, मसूड़ों में सूजन रहना और खून आना जिंजिवाइटिस का लक्षण हो सकता है। यह बताता है कि शरीर में हार्मोन का बैलेंस बिगड़ा हुआ है। ऐसा होने पर मसूड़ों में संक्रमण का खतरा बढ़ता है, इसे ही जिंजिवाइटिस कहते हैं। ऐसे मामले महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान अधिक सामने आते हैं।

मसूड़ों में लाल रंग की गोल संरचना दिखना प्रेग्नेंसी का इशारा हो सकता है। इनमें से ब्लीडिंग भी हो सकती है। इसकी वजह भी हार्मोन इम्बैलेंस होता है। बच्चे के जन्म के बाद ऐसा दिखा बंद हो जाता है।

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