ऑटो ब्राइटनेस रखें ऑफ
फोन में ऑटो ब्राइटनेस का विकल्प दिया जाता है ताकि अंधेरे और रोशनी में फोन की लाइट ख़ुद-ब-ख़ुद कम-ज़्यादा हो सके। लेकिन इसके कारण बैटरी की खपत भी अधिक होती है। डिस्पले लाइट इसी सेंसर से नियंत्रित होती है इसलिए इसे बंद करने में भलाई है। इसके अलावा कभी ब्राइटनेस की ज़रूरत पड़ती है तो इसे मैन्युअली सेट करने की आदत डाल लें। इससे ऑटो ब्राइटनेस सेंसर का इस्तेमाल कम होगा और बैटरी भी बचेगी।
वाई-फाई न हो हमेशा ऑन
ये जितना सुनने या पढ़ने में आसान लगता है उतना ही मुश्किल है। लेकिन ये भी सच है कि फोन की अधिकतर बैटरी इंटरनेट सर्फिंग में जाती है। इसके साथ ही स्मार्टफोन पर एप्स उस समय भी इंटरनेट एक्सेस करते हैं जिस समय हम फोन का उपयोग नहीं कर रहे होते हैं। ऐसे में इस्तेमाल के बाद अगर फोन डाटा ऑफ नहीं करते हैं तो बैटरी जल्दी ख़त्म हो जाती है इसके अलावा अगर आप गाड़ी चला रहे हैं या सफ़र कर रहे हैं तो भी इंटरनेट बंद कर दें। बार-बार नेटवर्क सर्च करने कारण भी बैटरी जल्दी ख़त्म हो जाती है।
वाइब्रेशन रहे ऑफ
मोबाइल वाइब्रेशन ऑटो ऑन रखते हैं, जैसे कॉल आने पर, मैसेज टाइप करने पर या की-पेड खोलने पर तो ये बैटरी जाने का एक बड़ा कारण साबित होता है। इसलिए सिर्फ़ कॉल वाइब्रेशन ऑन रखें ताकि सिर्फ़ फोन आने पर ही वाइब्रेशन हो। इससे बैटरी बचेगी और लंबे समय तक फोन चार्ज करने से बच सकेंगे।
ब्लूटूथ हो काम के समय
अक्सर लोग फोन पर बात करने के लिए ब्लूटूथ या ईयर पॉड्स का इस्तेमाल करते हैं। इसके बाद फोन पर बात तो बंद हो जाती है लेकिन ब्लूटूथ ऑन रहता है। कुछ लोग हमेशा ही इसे ऑन रखते हैं। मोबाइल फोन समय-समय पर इन्हें सर्च करता रहता है जिस कारण बैटरी ख़त्म होती है। इसलिए जब आपको पता है कि कॉल नहीं आएगा या रात के समय जब ज़रूरत नहीं रहती है तो ब्लूटूथ ऑफ कर दें।
बैकग्राउंड एप्स पर नज़र
एप्स का इस्तेमाल आज की ज़रूरत है फिर चाहे वो कैब के लिए हो या ऑनलाइन शॉपिंग के लिए। यदि आप एप का इस्तेमाल करके बस मिनिमाइज़ कर देते हैं तो ये भी बैटरी जाने का बड़ा कारण है। एप्स फोन के बैकग्राउंड में चलते रहते हैं, जो बैटरी की शक्ति लेते रहते हैं। इसलिए इन्हें इस्तेमाल के बाद क्लीयर करके रखें।
नोटिफिकेशन पॉपअप्स बंद हो
आजकल सोशल मीडिया अपेडप और न्यूज़ आदि के लिए हम स्मार्टफोन में कई एप रखते हैं लेकिन जब इंस्टॉलेशन के दौरान ये नोटिफिकेशन के बारे में पूछते हैं तो हम बिना सोचे इन्हें ‘यस’ कर देते हैं, जिसके कारण ये एप्स बार-बार नोटिफिकेशन भेजते हैं और इनके पॉपअप्स हमारे स्क्रीन पर फ्लैश होते रहते हैं और बैटरी का इस्तेमाल करते हैं। हर एप के नोटिफिकेशन को ऑन रखना ज़रूरी नहीं है। सिर्फ़ काम के नोटिफिकेशन्स को ही इजाज़त दें।
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